भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान वाराणसी में शनिवार को हिन्दी पखवाड़ा के अंतर्गत मुख्य समारोह का आयोजन

Update: 2023-09-30 13:27 GMT
वाराणसी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (का.हि.वि.), वाराणसी में शनिवार को हिन्दी पखवाड़ा (सितंबर 16-30, 2023) के अंतर्गत मुख्य समारोह का आयोजन किया गया। उक्त समारोह संस्थान के एनी बेसेंट व्याख्यान कक्ष संकुल में अपराह्न 01:00 बजे से आयोजित किया गया। हिन्दी पखवाड़ा समिति के अध्यक्ष आचार्य संजय कुमार पांडेय ने सभी सहभागियों का स्वागत सम्बोधन किया। आचार्य सुशांत कुमार श्रीवास्तव ने माननीय शिक्षा मंत्री के संदेश का वाचन किया। मुख्य अतिथि वक्ता हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के आचार्य प्रभाकर सिंह थे।
आचार्य प्रभाकर सिंह ने बताया कि विगत कुछ वर्षों में हिन्दी का सम्मान काफी बढ़ा है और हिन्दी में शोध कार्य काफी हो रहे हैं । हिन्दी एक संपर्क भाषा के रूप पूरे भारत में सबको जोड़ती है। हिन्दी जाननी हो तो इसके साहित्य का अध्ययन करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक आचार्य प्रमोद कुमार जैन ने किया। उन्होंने बताया कि हमारा संस्थान हिन्दी में कामकाज को लेकर काफी गंभीर है। यहां हिन्दी में काफी काम हो रहा है। हिन्दी के कार्यक्रमों से सभी विभागों एवं छात्रावासों को जोड़ा जाय।
इस अवसर पर संस्थान में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। हिन्दी टिप्पणी लेखन, पत्राचार एवं कार्यालयी शब्द-ज्ञान प्रतियोगिता में प्रथम रहे अजीत कुमार यादव, द्वितीय स्थान गौरव कुमार, तृतीय स्थान संयुक्त रूप से विकास प्रजापति एवं अंकित जैन थे। वहीं हिन्दी टंकण प्रतियोगिता में प्रथम रहे तेज बहादुर, द्वितीय रहे विकास प्रजापति तथा तृतीय मृत्युंजय कुमार दुबे थे। वाद-विवाद प्रतियोगिता में आदर्श कुमार श्रीवास्तव, रीतेश रंजन सिन्हा, आशीष कुमार श्रीवास्तव तथा छात्र वर्ग में सूर्यान्श सिंह, मनोहर कुमार, अंशवीर सिंह भाटिया विजेता थे। इसके अलावा हिन्दी निबंध, कहानी व व्यंग्य लेखन में भी पुरस्कार दिये गए ।
कार्यक्रम का संचालन मेजर निशा बलोरिया, उप कुलसचिव (राजभाषा) ने किया। संस्थान के कुलसचिव राजन श्रीवास्तव ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर संयुक्त कुलसचिव (लेखा) स्वाति बिस्वास, उप कुलसचिव डॉ. अमित सिंह, सहायक कुलसचिव गंगेश शाह गोंडवाना, उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. नवीन उपाध्याय, आचार्य कमलेश कुमार सिंह, डॉ. रजनीश उपस्थित थे । राजभाषा प्रकोष्ठ से राजीव रंजन, अधीक्षक एवं शशांक पाठक, हिंदी अनुवादक ने व्यवस्थापक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
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