357 करोड़ के घोटाले में मुख्य आरोपी अखिलेश तिवारी गिरफ्तार
जीएसटी घोटाले में मास्टरमाइंड पकड़ा
मुरादाबाद: फर्जी तरीके से ट्रेडिंग दिखाकर बिना माल सप्लाई किए बैंक खातों में लेनदेन दिखाते हुए कुल 357 करोड़ के घोटाले में मुख्य आरोपी अखिलेश तिवारी को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) मेरठ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद सीजीएसटी टीम ने न्यायालय स्पेशल सीजेएम के समक्ष पेश किया, जहां से दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. इस मामले में दो अन्य आरोपी मनोज कुमार मिश्रा और प्रवीण कुमार को दिसंबर में ही गिरफ्तार किया जा चुका है. तब से सीजीएसटी की टीम जांच कर रही है.
सीजीएसटी की इंटेलीजेंस टीम ने फर्जी बिलिंग के माध्यम से 357 करोड़ रुपये की अवैध (आईटीसी) उत्पन्न करने के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया था. 91 फर्जी फर्मों के माध्यम से 89 करोड़ (लगभग) रुपये का लेनदेन दिखाया गया, जबकि किसी प्रकार का कोई वास्तविक लेनदेन नहीं किया गया.
इस मामले में 22 दिसंबर 2023 को मनोज कुमार मिश्रा और परवीन कुमार नामक दो व्यक्तियों को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के तहत पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.
यह हे पूरा मामला
इस मामले में पूरे रैकेट का एक मास्टरमाइंड देवरिया निवासी अखिलेश तिवारी को माना गया. सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के तहत उसे गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद सीजीएसटी टीम ने न्यायालय स्पेशल सीजेएम के समक्ष पेश किया. दिन के न्यायिक हिरासत में आरोपी को जेल भेज दिया गया. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष अधिकारी लक्ष्य कुमार ने बताया कि मैसेज टूर एंड ट्रेवल्स के प्रोपराइटर अखिलेश तिवारी ने माल सप्लाई किए बिना फर्जी बिल बनाते हुए बैंक के अकाउंट में फर्जी एंट्री दिखाकर कमीशन बेस पर काम किया. अखिलेश तिवारी सहित अन्य आरोपियों पर कुल 357 करोड जीएसटी चोरी का आरोप लगा है. इस मामले में पहले दो आरोपी मनोज मिश्रा व प्रवीण कुमार को न्यायालय जेल भेज चुकी है. लक्ष्य ने बताया कि 91 फॉर्म से 79 करोड़ के ट्रांजैक्शन दिखाए गए, जिसमें 357 करोड़ का जीएसटी घोटाला किया.