इलाहाबाद न्यूज़: माफिया अतीक अहमद के बहनोई डॉ. अखलाक अहमद न केवल उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल था, बल्कि उसने फरार शूटर की मदद भी की थी. उमेश पाल की हत्या के दौरान बमबाजी करने वाले गुड्डू मुस्लिम को उसी ने शरण दी थी. मेरठ से डॉ. अखलाक को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया. उसके मोबाइल से मिली जानकारी के आधार पर फरार शूटरों की तलाश चल रही है.
पुलिस के अनुसार, उमेश पाल की हत्या के बाद मेरठ से अतीक की बहन आयशा नूरी अशरफ की ससुराल पहुंची थी. पुलिस ने वहां पर छापामारी कर अशरफ की पत्नी जैनब और अतीक की बहन आयशा को गिरफ्तार कर शांति भंग में चालान किया था. इस घटना के बाद अतीक की बहन ने मीडिया से पुलिस के दो आलाधिकारियों पर अपने भाई की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. उसकी गतिविधियां संदिग्ध लग रही थी. पुलिस और एसटीएफ ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि मेरठ में रहने वाला अतीक का बहनोई डॉ. अखलाक पर्दे के पीछे से अतीक गैंग की मदद कर रहा है. उसने शूटरों को संरक्षण भी दिया. इसका साक्ष्य मिलते ही धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश मौर्या और चौकी इंचार्ज प्रीत पांडेय ने मेरठ एसटीएफ की मदद से वहां पर छापमारी करके डॉ. अखलाक को गिरफ्तार कर लिया. धूमनगंज पुलिस उसे प्रयागराज लाई. पूछताछ के बाद पुलिस ने बताया कि उमेश पाल की हत्या के बाद पांच लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम यहां से मेरठ पहुंचा था. वहीं पर पेशे से डॉ. अखलाक ने उसकी मदद की थी. डॉक्टर पर आरोप है कि उसने फरार गुड्डू को 50 हजार रुपये भी दिए थे. डॉ. अखलाक जेल में बंद अतीक और अशरफ से भी फोन पर बातचीत करता था. अब पुलिस अखलाक की कॉल डिटेल खंगाल रही है.