माफिया राजन तिवारी ने पुलिस कर्मियों को दी धमकी, कहा- जेल से छूटने के बाद किसी को नहीं छोडूंगा
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गोरखपुर। माफिया और पूर्व विधायक राजन तिवारी के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया है। राजन तिवारी ने कचहरी से जेल जाते समय पुलिसकर्मियों को गाली दी। विरोध करने पर जेल से छूटकर आने पर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस की गाड़ी के पीछे चल रहे माफिया के समर्थकों ने सिपाहियों के रोकने पर धक्का मुक्की कर भी की। जिसके चलते रविवार देर रात कैंट पुलिस ने माफिया राजन तिवारी पर सरकारी काम में बाधा डालने और सिपाहियों को धमकी देने का एक केस दर्ज किया है।
पुलिस से बोला राजन- जेल से निकलने के बाद किसी को छोडूंगा नहीं...
कैंट थाने में तैनात सिपाही जय प्रकाश यादव, शरद, सौरभ व सुजीत ने थाना प्रभारी को तहरीर दी। जिसमें उन्होंने लिखा है कि 18 अगस्त की शाम को गगहा के सोहगौरा निवासी राजन तिवारी हाल मुकाम तारामंडल, खोराबार को न्यायालय में पेश करने के बाद जिला कारागार ले जा रहे थे। कचहरी से निकलते ही राजन तिवारी उन लोगों को गाली देने लगा। विरोध करने पर कहने लगा कि तुम लोग मुझे जेल ले जा रहे हो, निकलने के बाद किसी को छोडूंगा नहीं। सरकारी वाहन के आगे-पीछे माफिया राजन तिवारी के समर्थक चल रहे थे। विरोध करने पर हाथापाई करने पर उतारु हो गए। सभी पुलिसकर्मियों को डराने के साथ ही सरकारी कार्य में बाधा डाल रहे थे।
पुलिसकर्मियों को धमकाने के मामले में कैंट थाना पुलिस माफिया राजन तिवारी को रिमांड पर लेगी। कैंट थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद ही शासन के निर्देश पर राजन तिवारी को शनिवार की सुबह सेंट्रल जेल फतेहगढ़ (फर्रुखाबाद) शिफ्ट कर दिया गया था। सीसी कैमरा फुटेज की मदद से कचहरी से जेल जाते समय पुलिस वाहन के आगे पीछे चलने वाले लोगों को पुलिस चिन्हित कर रही है।
विधायक रहे राजन तिवारी की अपराधिक कुंडली
गौरतलब है कि राजन तिवारी मोतिहारी के गोविंदगंज से विधायक रहा है। उसके खिलाफ बिहार और यूपी में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। अकेले गोरखपुर में उस पर 28 मुकदमे दर्ज हैं। वह कैंट थाने में दर्ज गैंगेस्टर के मुकदमे में वांछित था और करीब 60 NBW कोर्ट से जारी था। गोरखपुर पुलिस ने 20 हजार का इनाम भी घोषित किया था।18 अगस्त को गोरखपुर पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से राजन तिवारी को रक्सौल के हरैया ओपी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। हालांकि जेल जाने के 24 घंटे के अंदर ही राजन को गोरखपुर जेल से फतेहगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया।