मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर होने वाले उप चुनाव को लेकर रालोद प्रत्याशी ने चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर शिकायत की है। आरोप लगाया कि भाजपा नेता जिले के अफसरों पर दबाव बना रहे हैं।
रालोद प्रत्याशी ने शिकायत में बताया कि उनको चुनाव हरवाने के लिए मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में धीमी वोटिंग कराने की साजिश रची जा रही है। यह भी मंसूबा है कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ऐसा कुछ किया जाए कि कम से कम वोटिंग हो।
रालोद प्रत्याशी सत्ताधारियों के प्रति आशंकित
खतौली उपचुनाव में रालोद, सपा और आसपा गठंबधन के प्रत्याशी पूर्व विधायक मदन भैया की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त भारतीय निर्वाचन आयोग को भेजी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जनपद के कुछ भाजपा नेताओं द्वारा पुलिस और प्रशासन के अफसरों को दबाव में लेकर मुस्लिम एवं अल्पसंख्यक बाहुल्य पोलिंग बूथों पर मतदान प्रतिशत कम कराने के लिए एक साजिश रची जा रही है।
खतौली सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान 5 दिसंबर 2022 को होना है, आरोप है कि इस उपचुनाव के लिए खतौली क्षेत्र के अल्पसंख्यक मुस्लिम मतदाता पूरी तरह एक अंजाने खौफ के साये में हैं।
आशंका, लगाई जा सकती है खराब EVM
सूत्रों के अनुसार रालोद प्रत्याशी मदन भैया के चीफ इलेक्शन एजेंट रालोद के पूर्व जिलाध्यक्ष अजीत राठी की और से की गई इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भाजपा नेताओं के दबाव में मतदान प्रभावित हो सकता है। इस शिकायत में जिन बूथों पर मुस्लिम समुदाय के मतदाता अधिक संख्या में हैं, मतदान के दिन उन बूथों पर चुनाव में षड्यंत्र के तहत कई तरह के व्यवधान उत्पन्न किये जाने की पूरी संभावना व्यक्त की गई है।
रालोद प्रत्याशी की ओर से की गई शिकायत में मुख्य तौर पर जो आशंका जताते हुए साजिश के आरोप लगाये गये हैं, उनमें कहा गया है कि मुस्लिम बाहुल्य पोलिंग बूथों पर मतदान को धीमा करने के लिए खराब ईवीएम मशीनों को लगाया जा सकता है।
खतौली व जानसठ शहर स्थित मुस्लिम बाहुल्य बूथों एवं गांवों में मतदाताओं में खौफ पैदा करके भाजपा के बड़े नेता मतदान प्रतिशत कम कराने के लिए साजिशन प्रयास कर रहे हैं।
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में षड्यंत्र के तहत वोटर स्लिप नहीं बांटे जाने की पूर्ण आशंका है, इसके लिए बीएलओ को प्रलोभन दे रहे हैं और दबाव बनाने का आरोप है।
मांग, मुस्लिम मतदाताओं से न किया जाए दुर्व्यवहार
शिकायत के तहत कहा गया कि मुस्लिम महिला मतदाताओं के साथ पोलिंग अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार की भी पिछले चुनाव-2022 में कई शिकायतें देखने को मिलीं। मतदान के दिन पुलिस प्रशासन के किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी द्वारा किसी महिला मतदाता के साथ कोई दुर्व्यवहार न किया जाए।
यह भी आरोप है कि प्रचार के इन दिनों में खतौली शहर के अंदर भाजपा प्रत्याशी के समर्थन और प्रचार में घूम रही गाड़ियां लेकर नेता सरेआम सड़कों पर हूटर और सायरन बजाकर आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। कहा गया कि 2022 में पोलिंग बूथ अंधेरे कक्ष में बनाए गए थे।
डीएवी कॉलेज जानसठ साक्षात उदाहरण है। इसलिए बूथों पर प्रकाश की विशेष व्यवस्था कराई जाए। रालोद की ओर से शिकायत में यह भी अंदेशा जताया गया है कि भाजपा नेता अपने कार्यकर्ताओं से एक साजिश के तहत मुस्लिम बूथों पर झगड़ा करवा कर मतदान में व्यवधान पैदा करा सकते हैं। कहा गया कि मुस्लिम क्षेत्रों में मतदान प्रक्रिया जानबूझकर धीमी कराने की साजिश है, ताकि बुजुर्ग और अस्वस्थ लोग ज्यादा देर खड़े रहने पर थककर बगैर मतदान वापस लौट जाएं।
निर्विवाद रूप से मतदान कराने की रखी मांग
रालोद प्रत्याशी के चीफ इलेक्शन एजेंट अजीत राठी के अनुसार इन्हीं सभी आशंकाओं पर मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजकर अनुरोध किया गया है कि इस शिकायत का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाही कराने कराकर आदर्श चुनाव आचार संहिता के दायरे में निष्पक्ष और निर्विवाद मतदान कराये जाने का बंदोबस्त किया जाए।
उन्होंने यह पत्र राज्य चुनाव आयुक्त उत्तर प्रदेश, चुनाव प्रेक्षक खतौली, जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला जज के साथ अन्य अधिकारियों को भी भेजा है। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला ने रालोद प्रत्याशी की ओर से उठाये गये इन सवालों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जनता भाजपा के साथ है और पांच दिसंबर को जनता पीएम मोदी और सीएम योगी के काम और जनकल्याण की नीतियों पर वोट देगी।
दो बार से खतौली सीट भाजपा की रही है और इस बार भी जनता भाजपा का कमल खिलायेगी। ऐसे में विपक्ष अभी से हार मान चुका है और स्वप्निल संभावनाओं को लेकर आरोप लगा रहा है, जो सत्य से दूर हैं।
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