लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदर्शन की भनक लगते ही मंगलवार को सुबह से लविवि प्रशासन व और पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। इसके बावजूद लविवि के सैंकड़ों छात्रों ने एक साथ जुटकर धरना-प्रदर्शन करना श्ुारू कर दिया। जिसके बाद पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूलते दिखें। इसी बीच भारी बवाल करते हुए दो छात्र संगठन आमने-सामने आ गए। जिसमें एबीवीपी और आइसा आपस में भिड़े गए और जोर-जोर से रोहित वेमुला अमर रहे और जय श्रीराम के नारे लगते रहे। मामला इतना बढ़ गया कि लड़ाई-झगड़े की नौबत तक आ गई। इसके पश्चात लविवि में भिड़े दोनों गुटों में समझौता कराने का प्रयास पुलिस प्रशासन द्वारा किया गया।
जिसमें जमकर धक्का-मुक्की हुई, छात्रों ने आरोप लगाया कि उन पर लाठीचार्ज किया गया। गौरतलब है,कि एक दिन पहले लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने शैक्षणिक चर्चा का कार्यक्रम रद्द कर दिया था,जहां प्रो.रविकांत चंदन ने हिंदी विभाग के छात्रों को 'शैक्षणिक संस्थानों में सामाजिक भेदभाव,हिंसा और राजनीतिक विच-हंट' विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित किया था। कुलसचिव संजय मेधावी ने बिना कारण बताए कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी। इसके अलावा प्रॉक्टर राकेश दिवेदी ने भ्रामक पर्चे बांटने के लिए आइसा के दो सदस्यों को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया। वहीं,पर्चों में रोहित वेमुला और एचसीयू प्रशासन की भूमिका के बारे में बात की गई थी,जो वंचित छात्रों के लिए प्रशासन और केंद्र सरकार के दृष्टिकोण पर महत्वपूर्ण सवाल उठाता है।