Lucknow: डेंगू से पीड़ित बच्चे को वार्ड आया ने लगाया इंजेक्शन, तीन घंटे बाद बच्चे की मौत
मौत पर हंगामा
लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विभाग में इंजेक्शन लगाने के बाद डेंगू पीड़ित मदरसा छात्र की हालत गंभीर हो गई. आईसीयू में वेंटिलेंटर पर रखा गया, जहां तीन घंटे बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया. इससे नाराज परिवारीजनों ने हंगामा किया. अफसरों और पुलिस ने पीड़ित परिवार को कार्रवाई का भरोसा देकर शांत कराया. अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण ने आउटसोर्सिंग पर तैनात वार्ड आया को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है. इस दौरान ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग ऑफिसर समेत तीन को निलंबित कर जांच कमेटी गठित कर दी गई है.
मड़ियांव के प्रीति नगर निवासी इश्तियाक के बेटे जैद (12) को कुछ दिन से बुखार आ रहा था. को उसे बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में दिखाया, जहां डॉक्टरों ने बाल रोग विभाग के वार्ड में भर्ती कर लिया. खून की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई. इलाज से हालत में सुधार भी होने लगा था. इश्तियाक का आरोप है कि सुबह करीब 11 बजे वार्ड में मौजूद आया ने जैद को इंजेक्शन लगाया. पांच मिनट में ही जैद की हालत नाजुक हो गई. उसकी आंखें पलटने लगीं. हाथ पैर ठंडे और ढीले पड़ गए. परिवारीजनों ने यह जानकारी वार्ड आया को दी. इस पर वार्ड आया ने बेड पर जाकर देखा और कहा कि बच्चा नाटक कर रहा है. परिवारीजनों ने वार्ड में मौजूद नर्स को जानकारी दी. उसने तुरंत बेड पर पहुंचकर देखा और बच्चे को तुरंत ही आईसीयू भेज दिया. डॉक्टरों ने मरीज की जांच की तो उसे वेंटिलेंटर पर रख दिया. करीब तीन घंटे बाद ही मृत घोषित कर दिया.
वार्ड, आईसीयू में किया हंगामा बच्चे को मृत घोषित करने पर परिवारीजनों ने वार्ड से लेकर आईसीयू तक में हंगामा किया. आरोप लगाया कि वार्ड आया ने गलत इंजेक्शन लगा दिया. इससे बच्चे की हालत बिगड़ी और मौत हो गई. काफी देर तक परिवारीजन हंगामा करते रहे. इसी बीच अस्पताल के अफसरों को जानकारी हुई तो उन्होंने वार्ड से लेकर आईसीयू तक दौड़ शुरू की. अफसरों व पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया.
आउटसोर्स वार्ड आया को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है. नर्सिंग ऑफिसर समेत तीन लोगों को निलंबित किया गया है. पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है. यदि अन्य लोग दोषी मिलेंगे तो आगे की कार्रवाई जांच के बाद की जाएगी. डॉ. पवन कुमार अरुण, निदेशक बलरामपुर अस्पताल