Lucknow: अस्पताल में जले और झुलसे मरीजों को इलाज की सुविधा नही

Update: 2024-09-17 06:54 GMT

लखनऊ: जटिल से जटिल बीमारियों का एडवांस तकनीक के बूते इलाज करने का दंभ भरने वाले हैलट अस्पताल में जले और झुलसे मरीजों को इलाज नहीं मिलता है. यहां पांच साल से बर्न वार्ड बन रहा है लेकिन यह कब चालू होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है. करीब-करीब हर दूसरे दिन यहां जले-झुलसे गंभीर मरीज जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए आते हैं लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिलता. इलाज के नाम पर सिर्फ मरहम-पट्टी कर उर्सला रेफर कर दिया जाता है. बर्न वार्ड चालू नहीं होने से यहां के डॉक्टर भी लाचार दिखते हैं.

आसपास के करीब 18 जिलों के मरीज बेहतर इलाज की आस लेकर हैलट आते हैं. इनमें कई आग या बिजली से झुलसे लोग भी होते हैं. ऐसे मरीजों को हैलट आने पर पता चलता है कि उनका यहां इलाज नहीं सकता है. मरीज से लेकर तीमारदार तक परेशान होते हैं. दर्द और असहनीय पीड़ा से जूझने वालों का एक ही सवाल होता है कि आखिर कब तक यूं ही तड़पते रहेंगे. मसवानपुर की सरोज बताती हैं कि दो साल पहले नजदीकी रिश्तेदारी में महिला घर का खाना बनाते समय झ़ुलस गई. हैलट लेकर गए तो पता चला कि यहां झुलसे मरीजों का इलाज नहीं होता है. मरहम-पट्टी लगाकर उर्सला जाने के लिए कह दिया गया. डॉक्टरों से एक बात पूछी थी कि इलाज क्यों नहीं करते तो सिर्फ इतना ही बताया कि संसाधन नहीं हैं. यही कसक शिवराजपुर के सुनील रावत की है. बताते हैं कि डेढ़ साल सर्दी की रात में आग तापते समय बेटा झुलस गया. हैलट गए तो झटका लगा कि यहां इलाज नहीं होगा. डॉक्टरों से फरियाद करते हैं कि बर्न वार्ड चालू करा दीजिए.

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