लखनऊ इलेक्ट्रोनिक रिटेल आउटलेट कर दिया पूरा बजट

आउटलेट कर दिया पूरा बजट

Update: 2023-10-11 07:54 GMT
उत्तरप्रदेश  नगर निगम इंजीनियरों ने 1250 शौचालय बनाने के लिए मिले करीब सवा करोड़ रुपये का बजट खपा दिया, लेकिन एक भी टॉयलेट पूरा नहीं हो सका. किसी की छत नहीं पड़ी तो किसी की दीवारें नहीं बनीं तो जिनके दोनों बन गए, उनमें दरवाजे ही नहीं लगाए गए. साल 2010 में हुए निर्माण के इस खेल को कैग ने ऑडिट में पकड़ा है.
राजधानी में डूडा ने लखनऊ की विभिन्न कॉलोनियों, मोहल्लों में रहने वाले गरीबों के घरों में टॉयलेट बनवाने के लिए नगर निगम को 1.22 करोड़ रुपए बजट दिया था. यह टॉयलेट उन लोगों के घरों में बनने थे, जिनके यहां शौचालय नहीं थे. नगर निगम, डूडा के इंजीनियरों ने इसमें खेल कर दिया. निर्माण का बजट ले लिया, लेकिन टॉयलेट ही पूरा नहीं किया. कहीं आधी दीवार बनाई तो कहीं छत नहीं डाली. एक भी टॉयलेट में दरवाजा नहीं लगाया और पूरा बजट साफ हो गया. स्थानीय निधि लेखा परीक्षा ने मामला पकड़ा तो मामला सीएजी तक पहुंचा. कैग को भी इसमें घोटाला मिला है. संयुक्त सचिव नगर विकास अनुभाग सात ने इस संबंध में नगर निगम से रिपोर्ट मांगी है. इससे नगर निगम में हड़कंप मचा है. निगम के मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी नन्दराम कुरील ने मामले में नगर निगम के अफसरों को 14 सितंबर को पत्र लिखकर मामले की रिपोर्ट मांगी है, ताकि शासन को कार्यवाही के लिए रिपोर्ट भेजी जा सके.
कुछ नहीं किया ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि नगर निगम को इन टॉयलेट में सीट, सुपर स्ट्रक्चर, पिट, छत, दरवाजा तथा प्लास्टर सहित पूरा काम कराना था, लेकिन कोई काम नहीं कराया. पैसा खर्च दिखा दिया.
और भी मांग रहे थे 46.14 लाख रुपये
नगर निगम के अधिकारी दरवाजों के लिए 46.14 लाख रुपए और मांग रहे थे. रिपोर्ट में कहा गया अधिकारी यह रकम दरवाजा लगाने पर खर्च करने की बात कह रहे थे. यह रकम मिली होती तो वह भी साफ हो गई होती.
आठ इंजीनियरों पर लटकी है तलवार
शासन ने इस मामले में 10 अगस्त 2023 को पत्र लिखकर नगर निगम से रिपोर्ट मांगी है, ताकि जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. उस समय इसके निर्माण में नगर निगम के आठ इंजीनियर लगाए गए थे. नगर निगम के वित्त, लेखाधिकारी नंदराम कुरील ने जिम्मेदार अफसरों से पूरी रिपोर्ट उन्हें और शासन को भेजने को कहा है.
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