लखनऊ शहर की सफाई चौपट,घरों से कूड़ा उठना भी बंद

बड़े वैयक्तिकृत से कोई जवाब तलब नहीं किया गया।

Update: 2023-09-23 14:55 GMT
लखनऊ: नगर निगम में इतनी लंबी-चौड़ी फौज पहले कभी नहीं रही। फिर भी उठान और सफाई व्यवस्था को फिर से शुरू करना है। मुख्यमंत्री ने शहर की सफाई व्यवस्था की स्वयं समीक्षा की। उनके वैयक्तिकता के बाद नीचे दिए गए कर्मचारियों को सूचीबद्ध करने के लिए दिखाया गया था, लेकिनबड़े वैयक्तिकृत से कोई जवाब तलब नहीं किया गया।
इकोग्रीन के जाने के बाद अब नगर निगम स्वयं सफाई व्यवस्था देख रहा है। इस समय चार अपर नगर कमिश्नर हैं। इन पर नगर निगम के सभी आठ जोन की जिम्मेदारी है। तीन पीसीएस अधिकारी अलग-अलग हैं। इसके बावजूद सिटी अपॉइंटमेंट है। उत्तर-पूर्वी एशिया में वृक्षारोपण के केंद्र बने हुए हैं। जिस जोन सात में सीएम गए थे, वहां की स्थिति भी बहुत खराब है. इस्माइलगंज प्रथम व द्वितीय वार्ड में ही कई जगह कूड़े का ढेर लगा हुआ है। समशी हॉस्पिटल के पास भी नारियल का ढेर मिला। जोन दो ऐशबाग की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, क्योंकि यहां न तो डोर टू डोर खाली हो पा रहा है और न ही पर्यवेक्षण स्थानों से कूड़ा उठाया जा रहा है। यहां राजाजीपुरम ई-ब्लॉक के पास ही चॉकलेट का भंडार है। जोन पांच आलम बाग के आजादनगर, गीतापल्ली, पवनपुरी और सुजानपुरा, भिलावां, ओमनगर और चंद्रनगर की भी सफाई व्यवस्था है। एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड और आशियाना क्षेत्र में घर-घर सामान उठाना बंद है। यही हाल चौक ठाकुरगंज का भी है। नगर निगम मुख्यालय से 200 मीटर दूर विधायक निवास पांच व छह के बाहर भीषण गंदगी है। खुद जोनल अधिकारी दिव्यांशु पांडे ने तीन दिन पहले निरीक्षण किया तो नालियां बजबजाती मिलें। राइटगंज क्षेत्र के जोनल सेनेटरी अपार्टमेंट ने लाल कुआं, एपी सेन रोड, बांसमंडी रोड, चारबाग आईटीआई के आसपास का निरीक्षण किया। यहां पर भी जगह-जगह पर पेड़ों का ढेर मिला हुआ है। नालियां चौक हैं.
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