एलयू इंक्यूबेशन सेन्टर को मंजूरी, 1.5 करोड़ मिलेंगे

Update: 2023-04-01 12:45 GMT

लखनऊ न्यूज़: एलयू के इंक्यूबेशन सेन्टर को उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मिल गई है. इससे अब विश्वविद्यालय में शोध व नवाचार को बढ़ावा मिल सकेगा. साथ ही छात्रों को स्टार्टअप और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. जाहिर है कि एलयू में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के साथ ही विद्यार्थियों के लिए रोजगारपरक पाठ्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं. सेन्टर के निदेशक प्रो. अमृतांशु शुक्ल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में स्टार्ट अप के लिए अनेक संभावनाएं हैं. मान्यता प्राप्त होने से प्रदेश सरकार ने इंक्यूबेशन सेंटर के प्रचलन व्ययों की पूर्ति के लिए पांच वर्षों की अवधि तक के लिए 30 लाख रुपये प्रतिवर्ष की दर से कुल 1.5 करोड़ रूपये स्वीकृत किए हैं.

विश्वविद्यालयों में इंक्यूबेशन सेन्टर की स्थापना से लाइब्रेरी, मीटिंग या कॉन्फ्रेंस, कैंटीन, पुस्तकालय के साथ तकनीकी मदद आसानी से मिल जाती है. प्रो. अमृतांशु ने बताया कि नव उद्यमियों को अपने बिजनेस को विकसित करने के लिए समय-समय पर नई तकनीकी जानकारी, उपकरण व प्रशिक्षण भी दिया जाता है. स्टार्ट अप के लिए पैसा कहां से जुटाएं तथा कंपनी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जानकारी भी दी जाती है.

इंक्यूबेशन सेंटर से जुड़ने के लिए कंपनी का रजिस्ट्रेशन, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग से प्रमाण पत्र लेना जरूरी है. प्रो. अमृतांशु ने बताया कि सेंटर से विश्वविद्यालय से बाहर के लोग भी जुड़ सकते हैं बशर्ते उनकी कंपनी का प्रमुख कार्यालय क्षेत्र उत्तर प्रदेश में हो.

इंक्यूबेशन सेंटर से जुडी सेक्शन-8 कंपनी नवांकुर फाउंडेशन के चेयरमैन कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय हैं. उन्होंने निरंतर एलयू से जुड़े सभी छात्रों व शिक्षकों को शोध और नवाचार को स्टार्ट अप के स्तर तक लाने के लिए प्रोत्साहित किया है. प्रो. पूनम टंडन

अधिष्ठाता, छात्र कल्याण एवं अकादमिक

सीएसबी संग एमओयू से इंटर्नशिप करेंगे छात्र

एलयू के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रांची के निदेशक डॉ. सत्यनारायण ने केंद्रीय रेशम बोर्ड (सी.एस.बी.) कपड़ा मंत्रालय, बेंगलुरु और एलयू के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे जंतु विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों को लाभ मिल सकेगा. वे इंटर्नशिप कर सकेंगे.

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