LS Election: Akhilesh Yadav ने स्थानीय प्रशासन पर लगाए बेहद गंभीर आरोप

Update: 2024-06-04 16:16 GMT
Uttar Pradesh उत्तरप्रदेश : लोकसभा चुनाव 2024 की नतीजे लगभग सामने आ चुके हैं। कुछ सीटों पर मतगणना अभी जारी है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एक पोस्ट लिखा है। यहां उन्होंने लिखा कि Farrukhabad में जिलाधिकारी की नेतृत्व में प्रशासन सपा के जीते हुए प्रत्याशियों को हराने में लगा है। उन्होंने मांग की की चुनाव आयोग इस मामले पर संज्ञान लेकर सही परिणाम घोषित करें।समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने लिखा कि समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ता व स्वरूप का बाद के सपा प्रत्याशी जिलाधिकारी द्वारा मतगणना में की गई धांधली को देकर मतगणना केंद्र के बाहर ही डटे रहे। चुनाव आयोग इस मामले पर तत्काल संज्ञान ले रहा है। उन्होंने उम्मीदवार से कहा की जीत का परिणाम घोषित होने के बाद अपना सर्टिफिकेट लेकर ही यहां से निकले। अखिलेश यादव ने विश्वास जताया कि हमारी जीत को कोई नहीं छीन सकता है। जानकारी के मुताबिक फर्रुखाबाद लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार नवल किशोर शाक्य को 4780 मत ऑन की बढ़त मिली हुई थी।
लोस चुनाव: अखिलेश की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में जबर्दस्त वापसी की
उत्‍तर प्रदेश में मंगलवार को हो रही लोकसभा चुनाव की मतगणना में समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा को कड़ी टक्कर देना पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की लोकप्रियता को दर्शाता है। अबतक के रुझानों में सपा 38 लोकसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई हुई है जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी BJP 31 सीट पर आगे है। यह रुझान भाजपा के लिए करारा झटका है। पार्टी ने उस प्रदेश की सभी 80 सीट जीतने का दावा किया था जहां से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदीसांसद हैं। सपा ने मायावती नीत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में पिछला चुनाव लड़ा था और पांच सीट जीती थी, लेकिन इस बार अखिलेश की पार्टी ने प्रदेश मेंभाजपा को करारा झटका दिया है, जिसने 2019 में 62 सीट जीती थीं।
एक जुलाई 1973 को जन्मे अखिलेश यादव ने राजनीतिक रूप से इस महत्वपूर्ण राज्य में विपक्ष के अभियान का नेतृत्व किया। उनकी पार्टी ने विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के तहत 62 सीट पर चुनाव लड़ा और शेष सीट कांग्रेस तथा अन्य दलों के लिए छोड़ दीं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह पहला आम चुनाव था और अखिलेश ने निराश नहीं किया और उनके नेतृत्व में पार्टी साल 2004 से भी बेहतर प्रदर्शन करने की ओर अग्रसर है। 2004 के चुनाव में सपा ने 36 सीट जीती थी। प्रचार के दौरान मोदी अक्सर अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘दो लड़कों की जोड़ी’ बताकर तंज कसते थे। ऐसा लगता है कि अखिलेश के
PDA
’ (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) ने पार्टी के लिए काम किया। भाजपा ने प्रचार के दौरान अयोध्या स्थित राम मंदिर के मुद्दे को जोरशोर से उठाया, बावजूद इसके सपा Faizabad लोकसभा सीट पर भी भाजपा से आगे है। इस सीट में अयोध्या का क्षेत्र शामिल है। ‘इंडिया’ गठबंधन की सहयोगी तृणमूल कांग्रेस को प्रदेश में भदोही लोकसभा सीट दी गई। अखिलेश ने अपने भाषणों में भाजपा की मनमानी को उजागर करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झामुमो नेता हेमंत सोरेन को जेल भेजने की निंदा की।
Tags:    

Similar News

-->