पीजी में लिव-इन में रह रहे प्रेमी युगल ने आत्महत्या की
बदनामी से बचने के लिए दी जान
प्रतापगढ़: पीजी में लिव-इन में रह रहे प्रेमी युगल द्वारा आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आया है. छानबीन के दौरान पुलिस को पीजी के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने परिवार की बदनामी रोकने के लिए आत्महत्या की बात स्वीकार की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जिला बलिया का नीरज वर्मा और मेरठ के पल्लवपुरम थाना क्षेत्र के गांव दुलहेड़ा की अंतिम ने देर रात सेक्टर-66 स्थित पीजी में आत्महत्या कर ली थी. दोनों कॉल सेंटर में काम करते थे. पुलिस को नीरज का शव कमरे में फंदे पर लटका मिला था, जबकि अंतिम ने जहरीला पदार्थ खाकर जान दी थी. पुलिस को जांच में पता चला कि नीरज और अंतिम लिव-इन में रह रहे थे. उनके कमरे से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है.
पुलिस के मुताबिक संयुक्त रूप से लिखे गए सुसाइड नोट में दोनों ने पिछले दो वर्ष से लिव-इन में रहने का दावा किया है. उन्होंने लिखा कि हम दोनों ने अपने होशोहवास में मरने का फैसला किया है. सेंट्रल जोन के एडीसीपी हृदेश कठेरिया का कहना है कि युवक और युवती के मोबाइल फोन और सुसाइड नोट के आधार पर आगे की जांच की जा रही है.
हार्ट अटैक से हुई थी बीटेक के छात्र की मौत: सेक्टर अल्फा वन स्थित पीजी में रहने वाले छात्र आशीष की मौत हार्टअटैक से हुई थी. पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. परिवार के लोग छात्र का शव लेकर अपने पैतृक गांव चले गए.
बरेली के कंधार का रहने वाला 21 वर्षीय आशीष सेक्टर अल्फा वन स्थित पीजी में रहता था. वह नॉलेज पार्क के कॉलेज से बीटेक तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहा था. को उसका शव उसके कमरे में बेड पर पड़ा मिला था. पुलिस ने आत्महत्या की आशंका जाहिर की थी. हालांकि, शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं था और न ही मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद हुआ है. सेक्टर बीटा-2 कोतवाली के प्रभारी मुनेंद्र सिंह ने बताया कि छात्र के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक छात्र की मौत हार्टअटैक से हुई थी. छात्र को सोते समय अटैक पड़ा और वह उठ नहीं सका. इसी बीच उसकी मौत हो गई.
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया. परिवार के लोगों का रो रो कर बुरा हाल था. परिवार के लोग बेटे का शव लेकर अपने गांव चले गए. जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया.