23 साल बाद जौनपुर नगर पालिका में खिला कमल, टूटा टंडन परिवार का तिलिस्म

Update: 2023-05-14 16:54 GMT
उत्तरप्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनावी दौरे का असर कहें या फिर भाजपा की ठोस चुनावी रणनीति का नतीजा। जिस टंडन परिवार के अभेद्य किले को भेदने की कोशिश पिछले चुनाव में हुई थी उसे इस चुनाव में आखिककार भेद ही दिया गया। टंडन परिवार का तिलिस्म अंतत: टूट ही गया और 23 साल के बाद जौनपुर नगर पालिका परिषद में कमल खिला। इसको लेकर भाजपाई जहां गदगद हैं, वहीं राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी माने जाने वाले दिनेश टंडन अपनी हार को लेकर मंथन करने में जुट गए हैं कि आखिर कहां चूक हुई कि इतने साल का बना बनाया किला ढह गया।
वर्ष 1995 में भाजपा से संध्यारानी श्रीवास्तव ने कमल खिलाया था। वह सन 2000 तक चेयरमैन रहीं। उसके बाद 2000 में हुए चुनाव के दौरान दिनेश टंडन ने चेयरमैन की कुर्सी संभाली। उसके बाद से लेकर अब तक यानी 23 साल तक अलग-अलग समय पर वह और उनकी पत्नी माया टंडन ही चेयरमैन बनती रहीं।
वर्ष 2000 से लेकर 2005 तक दिनेश टंडन चेयरमैन रहे। उसके बाद 2005 से 2007 तक यहां प्रशासक की तैनाती रही। वर्ष 2007 में जब निकाय चुनाव हुआ तो यहां से फिर दिनेश टंडन ने ही बाजी मारी और 2012 तक चेयरमैन की कुर्सी पर बैठे। 2012 के चुनाव में भी दिनेश टंडन अपना जादू बरकरार रखे और चेयरमैन बनकर 2017 तक कुर्सी पर बैठे रहे।2017 में जब निकाय चुनाव हुआ तो भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया कि शहर की चेयरमैनी भाजपा के हाथ में आ जाए, लेकिन भाजपा को झटका तब लगा जब बसपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में आईं दिनेश टंडन की पत्नी माया टंडन ने चुनाव जीता। अब जब प्रदेश में भाजपा की दूसरी बार लगातार सरकार बनी तो निकाय चुनाव हर हाल में भाजपा जीतना चाहती थी। इसके लिए करीब एक साल से रणनीति बनायी जा रही थी। अंतत: इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरीं माया टंडन हार गईं और भाजपा से मनोरमा मौर्य ने कमल खिलाते हुए चेयरमैन बन गईं।
जफराबाद में सपा की उम्मे राहिला जीतीं, रचा नया इतिहास
इस बार के नगर निकाय के निर्वाचन में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी उम्मे राहिला ने रिकार्ड तोड़ जीत हासिल कर इतिहास रच दिया है। दो बार से नगर पंचायत जफराबाद के अध्यक्ष पद काबिज रहे प्रमोद बरनवाल को हैट्रिक लगाने से रोक दिया। शनिवार को हुई मतगणना में नगर पंचायत जफराबाद के अध्यक्ष पद के सपा प्रत्याशी उम्मे राहिला पत्नी डॉ. सरफराज खान ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी संदीप सेठ उर्फ कल्लू को 814 मतों से तथा तीसरे स्थान पर रहे निवर्तमान चेयरमैन प्रमोद बरनवाल को 1157 वोटों से पराजित कर इतिहास रच दिया।यहां से एक बार प्रमोद और एक बार उनकी पत्नी चेयरमैन रहीं। उम्मे राहिला जफराबाद की पहली मुस्लिम नगर पंचायत अध्यक्ष होंगी। विजयी हुई राहिला के समर्थकों ने जीत का ऐलान होते ही मतगणना स्थल के बाहर उन्हें पुष्पहार पहनाकर जीत की बधाई दी। जफराबाद कस्बे में गाजे बाजे के साथ उनका जोरदार स्वागत किया और पटाखे छोड़े गए। अध्यक्ष पद का चुनाव जीतने बाद उम्मे राहिला ने कहा कि यह अकेले मेरी जीत नही है, बल्कि कस्बा जफराबाद के सभी नागरिकों की जीत है।
पति-पत्नी ने जीता सभासदी का चुनाव
नगर पंचायत जफराबाद में वार्ड नं0-3 सैयदहास से सपा के प्रत्याशी रहे परवेज कुरैशी उर्फ कल्लू ने जहां अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी निवर्तमान सभासद विक्रम (आप) को पराजित कर जीत दर्ज की, वहीं परवेज कुरैशी की पत्नी सिद्दीका बानों (सपा) ने वार्ड नं0-4 सैयदअलीपुर में अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी साजिया पत्नी सेराज अंसारी (बसपा) को पराजित कर चुनाव जीत लिया, जिसकी खूब चर्चा रही।
देवर-भौजाई दोनों ने जीता चुनाव
नगर पंचायत जफराबाद में वार्ड नं0-9 काजीअहमदनूर द्वितीय से सपा के प्रत्याशी रहे जगत नारायण ने जहां अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी कृपा शंकर निषाद को पराजित कर जीत दर्ज किया, वहीं जगत नारायण की भाभी ने हीरामनि पत्नी संकठा (सपा) ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी बिन्दु देवी पत्नी उदयराज को वार्ड नं0-2 ताड़तला में मात्र एक वोट से पराजित कर मतगणना स्थल पर चर्चायें खास बन गई।
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