इलाहाबाद न्यूज़: कोरोना काल में जिन मासूमों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया, उन्हें आज सरकारी मदद के लिए भी भटकना पड़ रहा है. अनाथ हो चुके बच्चों को गुजर बसर के लिए शासन ने चार हजार रुपये प्रतिमाह देने का ऐलान किया था, लेकिन अप्रैल से अब तक किसी के खाते में राशि नहीं आई है. अब बच्चों के अभिभावक परेशान हैं, जबकि अफसर बजट न होने की बात कह रहे हैं.
जिले में 400 से अधिक बच्चे ऐसे हैं जिनके सिर से कोरोना काल में माता-पिता का साया उठ गया. 2021 की लहर के बाद शासन ने ऐसे बच्चों को गुजर बसर के लिए चार हजार रुपये प्रति माह देने का ऐलान किया था. यह राशि उनके दिए खाते में जाती है. इसके साथ ही पांच सौ से अधिक बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता नहीं हैं, हालांकि इनकी मृत्यु कोरोना के कारण नहीं हुई थी. सामान्य बच्चों को सरकार ने ढाई हजार रुपये प्रतिमाह देने का ऐलान किया था. इन बच्चों के अभिभावक इन दिनों डीपीओ कार्यालय में चक्कर काटकर सहायता राशि की जानकारी ले रहे हैं, लेकिन उनकी मदद नहीं हो पा रही है.
क्यों हो रही हैं परेशानी
अफसरों का कहना है कि शासन को पत्र भेजा जा चुका है. एकमुश्त राशि आवंटित होती है. इस बार अभी तक बजट अवमुक्त नहीं हुआ है. उम्मीद है कि जुलाई के मध्य तक राशि अवमुक्त होगी. जिसके तत्काल बाद खाते में राशि जाएगी. डीपीओ पंकज मिश्र का कहना है कि बजट आते ही खाते में राशि जाएगी.