सीएए हिंसा के 86 आरोपियों से नुकसान की होगी वसूली, यूपी के कई शहरों में हुई थी हिंसा
मेरठ न्यूज़: अमरोहा में सीएए हिंसा के 86 आरोपियों और अलीगढ़ में हुई हिंसा के दस आरोपियों से नुकसान की वसूली की जाएगी। यह आदेश उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली दावा न्यायाधिकरण कोर्ट ने सुनाया है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 2019 में यूपी के कई शहरों में हिंसा हुई थी। सार्वजनिक संपत्ति को बड़े पैमाने पर क्षति हुई थी। कई जगह लोगों की जान चली गई थी।
\यूपी सरकार ने बवालियों से संपत्ति के नुकसान को नोटिस जारी किए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की प्रक्रिया गलत बताने पर नोटिस वापस लेने पड़े थे। उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली दावा न्यायाधिकरण कोर्ट के पीठासीन डा. अशोक कुमार सिंह और अपर आयुक्त प्रवीणा कुमार ने निर्णय लिया है कि अमरोहा में हुई हिंसा के कारण रोडवेज, पुलिस विभाग और पीडब्लूडी की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था।
अलीगढ़ में हुई हिंसा के कारण 104620 रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इनमें प्रत्येक आरोपी से 10482 रुपये वसूले जाएंगे। वहीं अमरोहा में हिंसा के कारण 427439 रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। यहां पर 86 लोगों से वसूली की जाएगी। इसमें प्रत्येक आरोपी से 4971 रुपये वसूले जाएंगे।
एनआरसी का आरोपी इनामी मेहताब उर्फ चिकना गिरफ्तार: सीएए और एनआरसी का विरोध करते हुए पथराव और फायरिंग करने के आरोपी 25 हजार के इनामी मेहताब उर्फ चिकना को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया। प्रभारी एसओजी टीम ने मेहताब उर्फ चिकना पुत्र गफ्फार, निवासी गली नंबर-3 हरि का पुल, अहमद नगर, थाना लिसाड़ी गेट बिजली बम्बा बाईपास से गिरफ्तार किया है।
20 दिसंबर 2019 को तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक द्वारा 1400-1500 व्यक्तियों द्वारा सीएए व एनआरसी के विरोध में धारा 144 का उल्लघंन कर एकत्र होना व अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मारपीट, गाली-गलौज करना व जान से मारने की धमकी देना, अवैध असलहो से फायर करना, सरकारी सम्पत्ति फैंटम आदि में आग लगाने की वारदातें की गई थी। इस संबंध में के सम्बन्ध में थाना नौचन्दी पर मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
विवेचना के दौरान शातिर अभियुक्त मेहताब उर्फ चिकना का नाम प्रकाश में आया। अभियुक्त मेहताब उर्फ चिकना को पकड़ने के काफी प्रयास किये गये। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मेहताब उर्फ चिकना के नाम 25000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था।