वाराणसी न्यूज़: कोरोना की तीसरी लहर और उससे बच्चों के ही अधिक संक्रमित होने की संभावना के मद्देनजर पांडेयपुर के जिला अस्पताल में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) वार्ड बना था. 10 बेड का यह वार्ड पिछले छह माह से बंद है क्योंकि वार्ड के लिए डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति नहीं हुई है. वार्ड में रखी मशीनें खराब हो रही हैं.
जिला अस्पताल के बाल रोग विभाग में हर रोज 100 से अधिक बच्चे आते हैं. उनमें कई बच्चों को पीकू वार्ड की जरूरत होती है लेकिन उसके बंद होने से बच्चों को रेफर करना पड़ता है. जिला अस्पताल परिसर में बने एमसीएच विंग में भी पीकू वार्ड नहीं है. जिला अस्पताल के सीएमओ डॉ. आरके सिंह ने बताया कि पीकू वार्ड के संचालन के लिए अलग से मानव संसाधन की जरूरत पड़ेगी.
क्या है पीकू वार्ड पीडियाट्रिक्स इंटेसिव केयर यूनिट (पीकू) में 29 दिन से 17 साल तक के गंभीर किशोर भर्ती होते हैं. यहां इमरजेंसी जांच से जुड़े सभी संसाधन होते हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम रहती है. वार्ड में रेडिएंट वार्मर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, इनफ्यूजन पंप, मल्टी पेरामीटर मॉनिटर, पल्स ऑक्सीमीटर, लेरिंगोस्कोप आदि जीवन रक्षक उपकरण लगाए जाते हैं.