जिन्दगी जोखिम में डाल जर्जर कॉलोनी में रह रहे, मुंशी पुलिया सचिवालय कॉलोनी के परिवारों ने नहीं छोड़े जर्जर घर
उत्तरप्रदेश | इंदिरानगर सेक्टर-16 स्थित जर्जर घोषित सचिवालय कॉलोनी में 250 परिवार जिंदगी दांव पर लगाकर रह रहे हैं. पीडब्ल्यूडी ने एक वर्ष पहले कॉलोनी को कंडम घोषित कर दिया था. कॉलोनी में सार्वजनिक नोटिस चस्पा करा दी. यहां हर आवंटियों को नोटिस रिसीव करा दीं, लेकिन किसी ने मकान खाली नहीं किया.
राज्य संपत्ति विभाग ने वर्ष 1980 में यूपी आवास विकास परिषद से इंदिरानगर सेक्टर-16 में आवासीय कॉलोनी बनाई थी. इसमें 360 आवास बने हैं. इसमें तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहते हैं और कॉलोनी काफी जर्जर है. इसके मेंटीनेंस का काम पीडब्ल्यूडी के पास है. आवासों के प्लास्टर उखड़ गए, छते और दीवारें जर्जर हो चुकी हैं. पीडब्ल्यूडी की टीम ने कॉलोनी का निरीक्षण कर 15 सितम्बर 2022 में असुरक्षित घोषित कर दिया. आवंटियों को आवास खाली करने की नोटिसें थमा दी. राज्य संपत्ति विभाग ने कॉलोनी के मरम्मत का बजट भी रोक दिया. कॉलोनी ढहाने के आदेश नहीं हुए बाकी सभी सरकारी औपचारिकता पूरी कर दी गई. कॉलोनी के करीब 100 परिवार मकान खाली कर दूसरे ठिकानों में चले गए. इसके बावजूद 250 आवंटी परिवार सहित रह रहे हैं.
मजिस्ट्रेटों के साथ मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी
डिप्टी सीएम ने जाना पीड़ित परिवार का हाल
हादसे की सूचना पर डीएम सूर्य पाल गंगवार पहुंचे. साथ एडीएम सिटी पूर्वी अमित कुमार, एसडीएम सदर अंकित शुक्ला भी थे. डीएम ने अपने सामने रेस्क्यू शुरू कराया. डीएम ने कहा कि जिला प्रशासन के स्तर से जो भी मदद चाहिए वह तुरंत की जाएगी.
हादसे के बाद दोपहर दो बजे पांचों शव के साथ लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. तभी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पीड़ित परिवार से फोन पर बात ढांढस बंधाया. अंतिम संस्कार करवाने समेत हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. उन्होंने लखनऊ लौटने पर मुलाकात की बात कही.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ के आलमबाग में रेलवे कॉलोनी में मकान की छत गिरने से दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों की मृत्यु पर शोक जताया है. लखनऊ महानगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित, रीतेश शाहू, जितेंद्र यादव, संतोष श्रीवास्तव ने जाकर मुआवजे की मांग की.