बलरामपुर में लगेंगे लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट: अस्पताल प्रशासन

ऑक्सीजन आपूर्ति में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.

Update: 2024-05-13 07:40 GMT

मथुरा: बलरामपुर अस्पताल में कोविड के बाद लगे दो ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट में से एक खराब हो गया है. यह प्लांट ऑक्सीजन सिलेंडर से भी महंगे पड़ रहे हैं. ऐसे में अस्पताल प्रशासन ने तय किया है कि अब परिसर में लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा. इसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है. अस्पताल प्रशासन से जुड़े अफसरों को उम्मीद है कि जल्द ही लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट परिसर में स्थापित हो जाएगा. उससे ऑक्सीजन आपूर्ति में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.

बलरामपुर अस्पताल में करीब 776 बेड हैं. कोविड के बाद अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को राहत देने के लिए दो ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट लगाए गए थे. इनमें से एक प्लांट अक्सर खराब हो जाता है. साथ ही यह प्लांट अस्पताल प्रशासन को जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर भी महंगे पड़ रहे हैं. दोनों प्लांट हर माह कई हजार यूनिट बिजली खपत कर रहे हैं. इसको देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने शासन को पत्र भेजकर लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की मांग की है. बलरामपुर के निदेशक डॉ. पवन कुमार ने बताया कि प्लांट के लिए परिसर में जगह तलाश ली गई है. प्लांट के लगने से ऑपरेशन थियेटर में पूरी तरह से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकेगी.

अब पीजीआई में भी नई दवाओं का मरीजों पर होगा परीक्षण: अब पीजीआई मरीजों पर नई दवाओं का ट्रायल करेगा. विशेषज्ञ लैब में परीक्षण कर अलग-अलग बीमारियों की दवाओं के असर को परखेंगे. ताकि सुरक्षित और मरीजों को जल्द राहत देने वाली नई दवाएं लायी जा सकें.

इसके लिए संस्थान क्लीनिकल फार्माकोलॉजी विभाग शुरू करने जा रहा है. इससे प्रदेश के दूसरे चिकित्सा संस्थानों को जोड़ा जाएगा. पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान ने बताया कि संस्थान में रोजाना नए व पुराने तीन हजार से ज्यादा मरीज आते हैं. उन्होंने बताया कि मरीज बहुत सी पुरानी दवाएं कई साल से खा रहे हैं. इन दवाओं को असर धीरे-धीरे कम होने लगता है. ऐसे में नई दवाओं की जरूरत बढ़ गई है. इसके लिए नया विभाग शुरू किया जा रहा है.

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