60 दिन में भी नहीं दे पा रहा लाइट कनेक्शन

Update: 2022-07-31 17:19 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) उपभोक्ताओं को सही समय पर कनेक्शन नहीं दे पा रहा है. कॉरपोरेशन कहता है कि सात दिन के अंदर उपभोक्ता का कनेक्शन हरहाल में हो जाता है, लेकिन हकीकत ये है कि महीनों कनेक्शन नहीं हो पा रहा है. उपभोक्ता झटपट पोर्टल पर कनेक्शन के लिए आवेदन करता है. एस्टीमेट भी जमा कर देता है और कनेक्शन के लिए लगने वाली फीस भी जमा कर देता है. लेकिन, इसके बाद भी कनेक्शन नहीं होता है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Limited) में कई हजार मीटरों की कमी है. लखनऊ में भी तमाम कनेक्शन आवेदक परेशान हैं.

लखनऊ समेत प्रदेश भर में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन मीटरों की कमी पूरी नहीं कर पा रहा है. इस वजह से बिजली का कनेक्शन लेने के लिए आवेदन कर चुके उपभोक्ताओं को बिना बिजली के गर्मी में पसीना बहाना पड़ रहा है. रात के अंधेरे में जिंदगी की गुजर बसर करनी पड़ रही है. प्रदेश भर में शायद ही ऐसा कोई उपकेंद्र हो, जहां पर मीटरों के अभाव में कनेक्शन न हो पा रहे हो. बड़ी संख्या में बिजली के मीटरों की कमी (shortage of electricity meters) प्रदेश भर में है.

बिजली के मीटरों की कमी से राजधानी भी बिल्कुल अछूती नहीं है. लखनऊ में 100 से ज्यादा उपकेंद्र हैं, लेकिन एक ऐसा एक भी उपकेंद्र नहीं है जहां पर दर्जनों नए कनेक्शन के लिए आवेदन न आए हो. सभी उपकेंद्र में महीनों से विभाग की तरफ से लाइट कनेक्शन देने की प्रक्रिया लंबित (Light connection is pending) है. क्योंकि सभी उपकेंद्रों में लाइट मीटर की कमी है.कनेक्शन के लिए विभागीय अधिकारी और कर्मचारी सभी मिलकर खेल कर रहे हैं. जहां पर मीटर के अभाव में कनेक्शन नहीं हो पा रहा है. मीटर आने पर जिस उपभोक्ता का पहले नंबर आता है. उसे बाद में कनेक्शन दिया जाता है, क्योंकि बाद में कनेक्शन के लिए आवेदने करने वाला उपभोक्ता सांठगांठ विभागीय अधिकारियों और कर्मचारी से साठगांठ कर लेता है और उसके यहां मीटर लगा दिया जाता है.जबकि पहले आवेदन करने वाले कनेक्शन न मिलने के कारण उपकेंद्रों के चक्कर काटते ही रह जाते हैं. लखनऊ के जीएसआई उपकेंद्र पर दो-दो महीनों से कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं ने आवेदन कर रखा है, लेकिन विभाग के पास मीटर ही नहीं है. इसके चलते आवेदकों को कनेक्शन मिल ही नहीं पा रहा है. उपकेंद्र के बार-बार चक्कर काटने को मजबूर आवेदक नाराजगी भी जता रहे हैं. लेकिन अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है.दो माह पहले अलीगंज स्थित जीएसआई उपकेंद्र के अंतर्गत उपभोक्ता सचिन ने कनेक्शन के लिए आवेदन किया था. विभाग ने उन्हें इसके लिए एस्टीमेट बना कर दिया जो दो महीने पहले ही जमा हो चुका है. अधिकारियों ने कुछ दिन में मीटर लगा कर कनेक्शन देने की बात कही थी, लेकिन एस्टीमेट के पैसे जमा होने के बावजूद अब तक कनेक्शन नहीं मिल पाया है. लिहाजा, घर से उपकेन्द्र तक की भागदौड़ जारी है.इसी तरह एक अन्य उपभोक्ता मेहरून्निसा पिछले कई महीने से उपकेंद्र के चक्कर काट- काटकर थक चुकी है. उनका कहना है कि दिन में गर्मी में गुजर-बसर करनी पड़ती है और रात में पूरा परिवार बिजली के बिना छत पर सोता है. अब बारिश का मौसम है तो बारिश होने लगती है. छत पर भी सो नहीं पाते है और नीचे बिजली नहीं होने से और ज्यादा दिक्कत है, लेकिन विभाग कनेक्शन ही नहीं दे रहा है. हर बार मीटर की कमी बताकर टरका दिया जाता है. यह तो सही नहीं है.

महीनों से चक्कर काट रहे उपभोक्ता: बिजली विभाग के अधिकारी दावा तो करते हैं कि झटपट पोर्टल पर नए कनेक्शन के लिए आवेदन (Application for new connection on Jhatpat Portal) करने के बाद सात दिन के अंदर उपभोक्ता को कनेक्शन दे दिया जाता है. लेकिन अधिकारियों के दावों की पोल उस समय खुल जाती है. जब 60 दिन से भी ज्यादा उपभोक्ता उपकेंद्र पर बिजली के कनेक्शन के लिए चक्कर लगाता रहता है, लेकिन कनेक्शन नहीं मिलता है. ऐसे में सात दिन में नए कनेक्शन देने का बिजली विभाग का दावा पूरी तरह फर्जी है.

क्या कहते हैं अधिकारी: मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के डायरेक्टर कमर्शियल योगेश कुमार का कहना है कि मीटरों की कमी को दूर किया जा रहा है. लगातार नए मीटर उपकेंद्रों को सप्लाई किए जा रहे हैं. हाल ही में पश्चिमांचल से 15000 मीटर लाकर विभिन्न जगहों पर मीटरों की कमी को दूर किया गया है. अब 10000 नए मीटर जल्द आ रहे हैं. उन्हें संबंधित उपकेंद्रों को भेजकर उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया जाएगा. मीटर के अभाव में उपभोक्ता को कनेक्शन मिलने में देरी न हो, इसके प्रयास किए जा रहे हैं.

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