मथुरा: नाबालिग का अपहरण कर दुराचार के बाद हत्या के आरोपी हैदरगढ़ थाने के विमुखी खेड़ा निवासी सद्गुरु लोध, दीपक उर्फ दीपू कोरी तथा थाना गौतम पल्ली लखनऊ के टीपू उर्फ माइकल को पाक्सो एक्ट विशेष न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने उम्र कैद की सजा के साथ-साथ 18-18 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने चौथे आरोपी मोहम्मद नासिर को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया है.
अदालत को विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय, अरुण कुमार ने बताया कि रिपोर्ट मृतका के भाई ने जानकीपुरम थाने में दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट में कहा कि 10 फरवरी 20 को सुबह करीब 8:00 बजे 17 वर्षीय बहन स्कूल के लिए निकली थी. उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल रहा है तथा वह अभी तक वापस नहीं आई है. रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई थी कि उसकी बहन किसी परेशानी में है तथा उसका मोबाइल फोन चालू हालत में है लेकिन बात नहीं हो पा रही है. आरोपी सद्गुरु लोध, दीपक उर्फ दीपू कोरी तथा टीपू उर्फ माइकल को आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा से दंडित करते हुए अदालत ने कहा है कि यद्यपि यह आरोपी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है, लेकिन घटना की परिस्थितियों और परिस्थितजन्य साक्ष्य के आधार पर दोषी करार दिया जाता है. इसी मामले के दोष मुक्त आरोपी मो. नासिर ओर से पैरवी उसके अधिवक्ता हरी प्रसाद शर्मा द्वारा की गई थी.
डस्टबिन घोटाले में आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज: स्वच्छ भारत मिशन योजना में सफाई के लिए खरीदे गए कूड़ेदान में लाखों का घोटाला करने की आरोपी कुसमा सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विशेष न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है. जमानत के विरोध में बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत खरीदे गए कूड़ेदान में लाखों रुपए का घोटाला सामने आने पर जिला पंचायत राज विभाग ने विजिलेंस जांच के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा था. कोर्ट को बताया गया कि विजिलेंस जांच तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी हरदोई अनिल सिंह के विरुद्ध थी. इसमें स्वच्छ भारत मिशन योजना में कूड़ेदान क्रय अनियमितता के संबंध में था. अदालत को बताया गया कि आरोपियों के अधिक मूल्य पर खरीद से सरकार को 5 लाख 87 हजार रुपए की हानि हुई.