सिवान न्यूज़: प्रखण्ड क्षेत्र के भरौली मठ परिसर में चल रहे श्री सीताराम महायज्ञ के छठे दिन आचार्य अरविंद मिश्र ने हनुमानजी का जीवन प्रबंधन के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सेवा करना, साहस दिखाना, धैर्य और बुद्धि का उपयोग कैसे करना चाहिए, ये बातें हम हनुमानजी से सीख सकते हैं.
उन्होंने कहा हनुमानजी के स्वभाव की बातों को जीवन में उतारने से हमारी सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं. आचार्य ने कहा कि हनुमानजी श्रीराम के परम भक्त हैं और हर पल अपने आराध्य की सेवा में रहते हैं. हनुमानजी की पूजा के साथ ही उनके स्वभाव की बातों को अपनाने से भी हमारी कई समस्याएं खत्म हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि वाल्मीकि रामायण में हनुमान जी को पवनदेव का औरस पुत्र कहा गया है. उनका शरीर वज्र के समान है. वे तेज चलने में गरुड़ के समान हैं. बुद्धिमान और बलवान हैं. आचार्य अरविंद ने कहा कि हनुमानजी का वज्र समान शरीर हमें संदेश देता है कि हमारा शरीर भी स्वस्थ और ताकतवर होना चाहिए. उनकी तेज चाल हमें तेज चलने की प्रेरणा देती है. हनुमानजी का बुद्धिमान स्वरूप हमें ज्ञान और बुद्धि बढ़ाने का संकेत देता है.
मौके पर परमगुरु रामनारायण दास जी महाराज, दिवाकर मिश्र यजमान कुलदीप सिंह, शिक्षक जितेंद्र सिंह,ई अंकित मिश्र, हरिकांत सिंह, नागेंद्र पाठक आदि उपस्थित थे.