एलडीए बसंतकुंज और गोमतीनगर विस्तार में चार पम्प स्टेशन बनाएगा
आईआईटी रुड़की जलभराव से दिलाएगा मुक्ति
लखनऊ: एलडीए गोमती नगर विस्तार और बसन्तकुंज योजना में चार नए बैरल व पम्पिंग स्टेशन बनाएगा. इससे शहर की बड़ी आबादी को बरसात में होने वाले जलभराव से निजात मिलेगी. एलडीए मुख्यालय में कमिश्नर डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर फैसला हुआ.
एक दिन की बारिश के बाद शहर में हुए जल भराव से आज भी लोग दहशत में हैं. अधिकारियों ने ठोस कदम उठाना शुरू किया है. कमिश्नर के साथ बैठक के बाद प्राधिकरण उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि बसन्तकुंज योजना के मद से गऊघाट व बरीकलां में दो बैरल व बाढ़ पम्पिंग स्टेशन तथा गोमती नगर विस्तार योजना के मद से जनेश्वर मिश्र पार्क तथा जी 20 रोड के पास पम्पिंग स्टेशन बनाने का फैसला किया गया है. उन्होंने बताया कि ये स्टार्म वाटर पम्पिंग स्टेशन पांच से 10 एमएलडी क्षमता के होंगे. मण्डलायुक्त ने पम्पिंग स्टेशन बनाने के लिए स्थल निरीक्षण व सर्वे का काम शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया है. बैठक में एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, सहित अन्य मौजूद थे.
शहर को जल भराव से मुक्त कराने के लिए एलडीए आईआईटी रुढ़की की मदद लेगा. इसके लिए प्राधिकरण ने रुड़की आईआईटी को पत्र भेज दिया है. पहले चरण में एलडीए गोमतीनगर की जिम्मेदारी आईआईटी को देगा. इसके बाद शहर की एलडीए की अन्य कालोनियों का भी सर्वे कराएगा. आईआईटी न सिर्फ सर्वे करेगा बल्कि इसकी योजना बनाकर एलडीए को देगा. प्राधिकरण रिपोर्ट के आधार पर काम शुरू करेगा.
बारिश से शहर में इस बार भी भीषण जल भराव हुआ. गोमतीनगर फेज एक, फेज दो तथा गोमतीनगर विस्तार भी डूब गया. विभूतिखण्ड में उच्च न्यायालय के बाहर भी काफी पानी भर गया. यही हाल लोहिया चिकित्सा संस्थान का भी रहा. यहां भी भीषण जल भराव हुआ था. तमाम वीआईपी के घरों में पानी भर गया. इसी को देखते हुए एलडीए अब गोमतीनगर का ड्रेनेज प्लान दुरुस्त कराने की तैयारी कर रहा है.
नदी के पानी से गोमतीनगर विस्तार में जल भराव
बीते सोमवार को बारिश की वजह से गोमतीनगर विस्तार तथा इसके आस पास के इलाकों में भीषण जल भराव हुआ था. इसकी वजह गोमती का पानी नालों से कॉलोनी में वापस आना बताया जा रहा है, क्योंकि जहां नाले गोमती में मिलते हैं वहां पम्पिंग स्टेशन नहीं है. प्रशासन ने गोमती नदी पर बैराज खुलवा दिया था, जिससे नदी का पानी आगे बढ़ गया और बैक फ्लो कर नालों के जरिए कॉलोनी में भरने लगा. इसी को रोकने के लिए बैरल पम्पिंग स्टेशन बनाया जाएगा.