लखनऊ न्यूज़: एलडीए ने शहर में 167 रसूखदारों को दो से लेकर चार-चार भवन, भूखंड आवंटित कर दिए हैं. सीएजी ने ऑडिट में घपला सामने आया है. अधिकतर आवंटी बेहद प्रभावशाली लोग हैं, जिन्हें दबाव में आकर एक से अधिक भूखंड आवंटित कर दिए गए. मामला विधानसभा की लोक लेखा समिति के पास पहुंचने के बाद उसने एलडीए अफसरों को नोटिस जारी कर तलब किया है. एलडीए ने दो आईएएस समेत पांच अफसरों की उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर जांच शुरू कर दी है.
एलडीए ने 2004 से 2015 तक शहर के 167 प्रभावशाली लोगों को दो से लेकर चार मकान और प्लॉट आवंटित किए हैं. इनका आवंटन बिना लॉटरी कराए सीधे कर दिया गया. इसकी जांच कैग ने की है. उसने 167 लोगों के नाम शॉर्ट लिस्ट कर लोक लेखा समिति को भेजा है. अब समिति ने एलडीए को नोटिस जारी कर पूछा है कि इन लोगों को किस आधार पर एक से अधिक भवन-भूखंड दिए गए हैं. समिति ने 20 मार्च को दस्तावेजों के साथ एलडीए को तलब भी किया है. एलडीए के कई पूर्व अधिकारियों के नाम भी कई सम्पत्तियां मिली हैं. सभी 167 लोगों के परिवार के सदस्यों के नाम कितनी संपत्तियां हैं, इसका आकलन नहीं है.
15 दिन में जांच कर देनी होगी रिपोर्ट जांच के लिए लिए एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने दो आईएएस सहित पांच प्रमुख अफसरों की समिति गठित की है. आईएएस और सचिव पवन गंगवार को कमेटी का अध्यक्ष, दूसरे आईएएस गौरव कुमार, वित्त नियंत्रक डॉ दीपक सिंह, योजना प्रभारी और उप सचिव माधवेश कुमार इसके सदस्य बनाए गए हैं. समिति को 15 दिन में रिपोर्ट प्राधिकरण के उपाध्यक्षा को देनी होगी.
मामले की जांच को पांच सदस्यीय समिति बनाई है. उसे 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है. 167 लोगों को एक से अधिक प्लॉट-मकान आवंटित किए गए हैं. इसमें 27 को एक ही दिन में आवंटन हुआ. जांच रिपोर्ट आने पर इनके आवंटन निरस्त किए जाएंगे.
-डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, एलडीए