फैजाबाद: श्रीप्रखर परोपकार मिशन एवं रामलला देवस्थानम ट्रस्ट की ओर से मां सरयू की गोद में पहली बार लक्षचंडी महायज्ञ के साथ लक्ष गणपति महायज्ञ व श्रीराम महायज्ञ के अलावा लुप्त प्राय श्रौत महायज्ञ का आयोजन किया गया है. इसकी शुरुआत यजमानों के प्रायश्चित पूजन के साथ हो गयी है. इस मौके पर सायंकाल सुंदर काण्ड का पाठ व भजन संध्या के अलावा नित्य सरयू आरती का क्रम भी शुरू हो गया है.
लक्ष्मण घाट सहस्त्रत्त् धारा पर आयोजित इस महायज्ञ की जानकारी देते हुए कार्यक्रम के मुख्य आयोजक महामंडलेश्वर स्वामी प्रखर महाराज ने बताया कि यज्ञ से सृष्टि का निर्माण हुआ है. देवता और मानव के बीच यज्ञ ही सेतु है. यज्ञ के द्वारा जो भव्य प्रदान किया जाता है, उससे देवताओं को शक्ति मिलती है और तदुपरांत वह हमारे संकल्प को पूर्ण करने में सहायक बनते हैं. उन्होंने बताया कि इस महायज्ञ का उद्देश्य राष्ट्र-समाज के साथ विश्व का कल्याण है और इसके साथ देश में युवाओं को सद्बुद्धि प्रदान करना है जिससे उनकी योग्यता में वृद्धि हो और वह राष्ट्र- समाज में अपना योगदान दे सकें. उन्होंने कहा कि आने वाले दस वर्षों में डिग्री धारी युवाओं की अयोग्यता बेरोजगारों की फौज तैयार करेगी और यह युवा षड्यंत्र कारी तत्वों का हथियार बनकर अराजकता के पोषक बन जाएंगे. इस स्थिति के पैदा होने से पहले ऐसी अध्यात्मिक ऊर्जा का सृजन वातावरण में होना चाहिए जिससे प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो. इसके लिए महायज्ञ का आयोजन एक अनिवार्य कर्मकांड है. इसकी अपेक्षा कई संतों के साथ मुख्यमंत्री योगी ने भी की थी.
दुर्गा सप्तशती-अथर्व शीर्ष व पुरुष सूक्त का एक-एक लाख पाठ व दशांश से होगा हवन रामलला सदन पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी राघवाचार्य महाराज ने बताया कि नौ मार्च तक चलने वाले इस महायज्ञ में दुर्गा सप्तशती-अथर्व शीर्ष के अलावा पुरुष सूक्त के मंत्रों का एक-एक लाख पाठ किया जाएगा. इसके साथ दशांश पाठ के मंत्रों से यज्ञकुंड में आहुतियां दी जाएंगी. इसके अलावा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ लुप्त प्राय श्रौत महायज्ञ में भी आहुतियां दी जाएंगी.