जानें क्या है मामला, कुवैत के खजूर से खुला गाय के गोबर को लेकर निर्यात का रास्ता
जानें क्या है मामला, कुवैत के खजूर से खुला गाय के गोबर को लेकर निर्यात का रास्ता
भाजपा सरकार गोबर का निर्यात कराकर इसे आर्थिक समृद्धि से जोड़ने की तैयारी में है. राजस्थान की गौशालाओं से 192 मीट्रिक टन देसी गाय का गोबर कुवैत भेजा जा रहा है तो अब यूपी सरकार भी इसके निर्यात की तैयारी में है. कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कृषि विज्ञान केंद्र में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं सांसद राधा मोहन सिंह ने कहा कि कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने पाया है कि खजूर की फसल में देसी गाय के गोबर के बेहतर परिणाम आ रहे हैं. इससे गोबर के निर्यात की संभावना बढ़ गई है और अब सरकार गोबर एकत्र करके बेचने के लिए बड़ी योजना बना रही है. इस योजना में देश के लगभग सभी राज्यों को शामिल किया जायेगा.
गोबर की संभावनाओं पर बोलते हुए सांसद राधा मोहन सिंह ने बताया कि गाय के गोबर को कुवैत रवाना किया जा रहा है और इसकी पहली खेप के 15 जून को कनकपुरा स्टेशन से कंटेनर से मुंबई और फिर जहाज से कुवैत भेजा जाएगा. राजस्थान से 1 हजार 920 कुंतल देशी गाय के गोबर की खेप भेजी जा रही है.
उन्होंने कहा कि कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा की गई रिसर्च में दावा किया गया है कि देशी गाय के गोबर का पाउडर खजूर की फसल में इस्तेमाल करने से फल के आकार और उत्पादन में बढ़ोतरी देखी गई है. इसी के बाद कुवैत की कंपनी लैमोर गाय का गोबर खरीद रही है. उन्होंने कहा कि इससे भारत के किसानों के सामने बड़ा मौका है और सरकार इसके बीच सेतु बनकर गोबर कारोबार को बढ़ाने जा रही है.
सबसे बड़ा गोबर उत्पादक देश है भारत
कुवैत में खजूर की खेती के लिए गाय के गोबर की डिमांड बढ़ने से भारत में गोबर उत्पादन की व्यवसायिक संभावना बढ़ गई है. भारत पहले से ही सबसे अधिक गोबर पैदा करने वाले देशों में शामिल है. इसके निर्यात से गोपालकों के सामने एक नई उम्मीद दिखने लगी है. देश में इससे अन्ना जानवरों को भी एक जगह गोशाला में रखकर उनके गोबर के उत्पादन से भी निर्यात की संभावनाएं पैदा हो सकती हैं.