जमीन और घर खरीदने से पहले जाने ये विशेष रिपोर्ट, कई बिल्डर्स भूमाफिया घोषित

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले अवैध प्रापर्टी डीलर्सों पर मुकदमा दर्ज करा कर शिकंजा कसा जा रहा है।

Update: 2022-06-04 08:25 GMT

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले अवैध प्रापर्टी डीलर्सों पर मुकदमा दर्ज करा कर शिकंजा कसा जा रहा है। यहां बिल्डर्स माफियाओं ने सरकार की नाली, नाला, बंजर, ऊसर, परती की खाली पड़ी जमीनों पर अवैध रूप से प्लाटिंग कर टाउनशिप बसा दी। प्रापर्टी डीलरों ने निवेशकों से सौदा कर उनका पैसा हड़प लिया और उन्हें कब्जा नहीं दिया। एसडीएम की इस कार्यवाही से अपनी गाढ़ी कमाई निवेश करने वाले लोगों में राहत की उम्मीद जगी है। अब तक 14 प्रापर्टी बिल्डर्स और कंपनियों भूमाफिया घोषित किया गया है। लाखों रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।सदर तहसील नवाबगंज के विस्तारित क्षेत्र में लखनऊ अयोध्या नेशनल हाइवे किनारे बिना नक्शे और रजिस्ट्रेशन के सैकड़ों बिल्डर्स ने करोड़ों की सरकारी जमीनों पर कब्जा किया। इसके बाद राजस्वकर्मियों की मिली भगत से उन्हें बेच भी डाला। उपजिलाधिकारी सदर सुमित यादव ने करोड़ों रुपए के राजस्व को चुना लगाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर भूमाफिया घोषित करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। शुक्रवार को एक बार फिर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले प्रापर्टी डीलरों के खिलाफ बुल्डोजर चलाया गया।


नोटिस देकर बुल्डोजर चलाने की कवायत
बिना नक्शा पास अवैध टाउन शिप बसाने वाले असेनी स्थित रॉयल पैराडाइज पर बुल्डोजर चला कर कार्रवाई की गई।
वहीं अवैध रूप से कब्जा करने वाले
समृद्धि ग्रुप, अक्षिता इंफ्रा डेवलपर्स (इंडिया) प्रा. लि., तिरूतिनाथ इंफ्रावेंचर्स प्रा. लि. दिनेश कुमार सिंह अमरजीत सिंह, मैक्स इंफ्रावेंचर्स डायरेक्टर गुलरेज खान, वसी खान, गुलाम नवी खान समेत अन्य सरकारी जमीनों पर काबिज कर टाउनशिप और प्लाटिंग का कार्य कर रहे हैं। ऐसे 17 हाईप्रोफाइल भूमाफियाओं को धवस्तीकरण की नोटिस देकर अवैध निर्माण हटाने और सरकारी जमीन छोड़ने की चेतावनी दी है।
रकबे से ज्यादा सरकारी जमीनों पर कब्जा
सदर एसडीएम सुमित यादव के बताया कि सफदरगंज पुलिस ने लखनऊ इस्माइलगंज के अनम लाइफ इंफ्रा के डायरेक्टर मो. आसिफ पर 14 लाख का जुर्माना किया गया है। देवा पुलिस ने मोरल इंफ्रा कंपनी के डायरेक्टर ज्ञानेश्वरी पांडेय पर मुकदमा लिखा गया है। वहीं, एंटी ग्लांस इंफ्रास्ट्रक्चर के एमडी आलोक चौबे पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है। टीपहार में सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले गोवर्धन इंफ्रा लैंड डेवलपर्स के मनीष सिंह पर केस दर्ज किया गया है। रेव ग्लोबल सोल्यूशंस के कर्मचारी राजीव तोमर पर एक लाख 87 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। जैदपुर में कब्जा करने वाले मुहल्ला मुक्खिन के अफजालुर्ररहमान पर जालसाजी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। वहीं सफदरगंज के प्यारेपुर सरैया में कब्जा करने वाले गोमतीनगर लखनऊ के अजय राज अग्रवाल, अभय राज अग्रवाल और साधना अग्रवाल पर 7.14 लाख का जुर्माना लगाया है।
क्या कहते हैं ठगे हुए निवेशक
इस कार्रवाई को कई पीड़ितों ने सही ठहराया। गोंडा निवासी विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि देव इंफ्रा डेवलपर्स कंपनी से उन्होंने पत्नी पुष्पा के नाम उमरपुर संदौली में घर बनाने के लिए जनवरी 2015 में 1 हजार 50 स्क्वायर फीट जमीन 3 लाख 71 हजार रुपए में खरीदी थी। इसकी रजिस्ट्री और कुछ महीनो बाद दाखिल खारिज भी हो गई, लेकिन जमीन पर कब्जा अभी तक नहीं मिल पाया। वहीं दूसरे निवेशक निशी श्रीवास्तव ने बताया कि देव इंफ्रा डेवलपर्स कंपनी में स्कीम के तहत 3 लाख 71 हजार रुपए घर बनाने के लिए निवेश किए थे। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्री और दाखिल खारिज होने के बाद जमीन कब्जा नहीं मिला।लखनऊ निवासी पेट्रोल पंप कार्यरत राम दरस मौर्य ने भी घर बनाने का सपना देख और अपनी गाढ़ी कमाई कंपनी को दे दी। लेकिन इनको अभी तक कोई कब्जा नहीं मिल पाया है। ऐसे सैकड़ों लोगों के साथ तमाम कंपनियों ने फ्रॉड कर उनकी जीवन की जमा पूंजी उड़ा दी।

कई जिलों के बिल्डर्स पर की गई कार्रवाई
प्रापर्टी से जुड़ी कंपनियों के निदेशकों पर सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण के तहत नगर कोतवाली, मसौली, सफदरगंज, देवा, और सतरिख थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया है। सरकारी जमीनों को हड़पने और निवेशकों से पैसा ले उन्हें कब्जा न देने वाले 14 प्रापर्टी बिल्डर्स और कंपनियों को भूमाफिया घोषित किया है। मुकदमे में आजमगढ़, लखनऊ, गाजियाबाद समेत कई जिले के बिल्डर शामिल है। सदर एसडीएम सुमित यादव का कहना है कि लोगों को प्लाट, जमीन देने के बहाने ठगने वाले अवैध कंपनियों को नोटिस के तहत चेतवानी दी गई है। भूमाफियाओं के खिलाफ ये कार्यवाही निरंतर चलती रहेगी।


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