जानिए धीरेंद्र पाल सिंह के बारे में, जिन्होंने योगी आदित्यनाथ को दिया शिक्षा नीति को सुधारने की हिदायत
दिल्ली न्यूज़: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की नई शिक्षा व्यवस्था को सुधरने के लिए कड़े कदम उठाएं हैं। सरकार उत्तर प्रदेश में ऐसी पहली एजुकेशन टाउनशिप विकसित करने की प्लानिंग कर रही है। जहां पर छात्रों को एक कैंपस के अंदर पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास की ट्रेंनिग भी दी जाएगी। जिससे सभी छात्रों को इसका लाभ मिल सके।
योगी आदित्यनाथ कर रहे शिक्षा नीति में सुधार: योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की तैयारी कर रहे है। शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की शिक्षा और साक्षरता दर के स्तर को बढ़ने की कोशिश कर रहे है। अधिकारीयों का कहना है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की शिक्षा को सुधारने के लिए अब अमेरिका की तर्ज पर एक एजुकेशन टाउनशिप स्थापित करने की प्लानिंग कर रहे है। इस प्रस्ताव को आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी मिल गई है।
धीरेंद्र पाल सिंह को मिली जिम्मेदारी: उत्तर प्रदेश में नई शिक्षा नीति-2020 को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए योगी सरकार ने अहम कदम उठाया है। प्रोफेसर धीरेंद्र पाल सिंह ने लगभग 4 दशकों के अपने करियर में उच्च शिक्षा के कई शैक्षणिक संस्थानों का नेतृत्व किया है। कुलपति के रूप में धीरेंद्र पाल सिंह ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), वाराणसी, डॉ.एचएस गौर विश्वविद्यालय, सागर और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर नामक 3 विश्वविद्यालयों का नेतृत्व किया है। यूपी में नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करना भी एक बड़ी चुनौती है। यूपी के विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा निति को लागू किए जाने की जिम्मेदारी इनको सौंपी जा सकती है।
यूजीसी के चेयरमैन भी रह चुके हैं धीरेंद्र पाल सिंह: 2008 से 2011 तक बीएचयू के वीसी रहे प्रोफेसर सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान पर्यावरण और सतत विकास संस्थान की स्थापना की। उन्होंने 2012 से 2015 तक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के कुलपति के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, उन्होंने निदेशक, राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) के रूप में भी कार्य किया है। प्रोफेसर सिंह के यूपी से जुड़ने की अटकलें काफी पहले से ही लगाईं जा रही थीं और माना जा रहा था कि जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं: प्रो सिंह ने केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE), भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR), यूनेस्को के साथ सहयोग के लिए भारत के राष्ट्रीय आयोग, RUSA, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की कार्यान्वयन समिति आदि के पदेन सदस्य के रूप में योगदान दिया है। यूपी के शैक्षणिक विशेषज्ञों की माने तो यूपी में यह अपने तरह का अलग कदम उठाया गया है जिससे यूपी की शिक्षा व्यवस्था और नौकरी की आस लगाए यूपी के युवाओं को इससे लाभ मिलेगा। उन्हें अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों और परियोजनाओं में भी व्यापक अनुभव है। उन्हें पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार, दशक के पर्यावरणविद् (पूर्वांचल) पुरस्कार, भारत ज्योति पुरस्कार, यूपी रत्न पुरस्कार, आगरा विश्वविद्यालय गौरव श्री पुरस्कार, राजा बलवंत सिंह शिक्षा सम्मान और राष्ट्र निर्माता पुरस्कार जैसे कई सम्मान और पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
यूपी में एजुकेशन टाउनशिप विकसित करने की तैयारी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने यूपी की शिक्षा की सेहत को सुधारने और युवाओं को रोजगार परक बनाने के लिए अब यूपी में पहली एजुकेशन टाउनशिप विकसित करने को हरी झंडी दे दी है। सीएम की मंजूरी के बाद अब इस प्रोजेक्ट का खाका तैयार करने में अधिकारी जुट गए हैं। प्रो धीरेंद्र पाल सिंह भी इसमें अपने अनुभव का योगदान देंगे और यूपी ही नहीं देश के पहले एजुकेशन टाउनशिप को विकसित करने का सपना जल्द ही यूपी में पूरा होगा।