'खेला होई'...दीवार पर लिखा मिला ये नारा, पूर्व विधायक ने क्यों करवाया ऐसा?
हिट कहानी या पटकथा से केवल फिल्मों की दुनिया में ही दूसरे फिल्म निर्माता या निर्देशक प्रेरित नहीं होते हैं बल्कि ऐसा राजनीति में भी होता है. पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए एक तरह से सफलता का मंत्र साबित हुए 'खेला होबे' के भोजपुरी वर्जन का यूपी में उपयोग शुरू हो गया है. यूपी में समाजवादी पार्टी ने 'खेला होई' का नारा दे दिया है.
कानपुर में पोस्टर लगाए जाने के बाद अब इस नारे ने पूर्वांचल में भी दस्तक दे दी है. 2022 के विधानसभा चुनाव में अभी काफी समय बचा है लेकिन समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक रह चुके एक नेता ने इस नारे का उपयोग शुरू कर दिया है. टीएमसी के सफल स्लोगन 'खेला होबे' का भोजपुरी वर्जन 'खेला होई' वाराणसी की दीवारों पर दिखने लगा है.
वाराणसी में यह प्रयोग शहर उत्तरी सीट से विधायक रहे अब्दुल समद अंसारी ने किया है. अंसारी ने अपने मकबूल आलम इलाके में मकान की दीवारों पर 'खेला होई' का स्लोगन पेंट करा दिया है. पूरा स्लोगन है "उम्मीद की साइकिल-2022 में खेला होई". इस बारे में सपा के पूर्व विधायक अब्दुल समद बताते हैं कि खेला होबे का नारा पूरे भारत में प्रसिद्ध है और यह बंगाल में प्रमाणित भी हो चुका है.
सपा के पूर्व विधायक ने कहा कि इसको जनता पसंद कर रही है. भाजपा सरकार से जनता त्रस्त हो चुकी है. महंगाई, इलाज, दवा, कोरोना, गरीब, मजलूम, किसान, जवान और नौजवानों के साथ ज्यादती हुई है. उन्होंने सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया और कहा कि इसीलिए ये स्लोगन लिखवाए गए हैं. साल 2022 के चुनाव में जीत हासिल कर सपा यूपी में सरकार बनाने जा रही है.