मुजफ्फरनगर। जिले में ठंड बढ़ने और शीतलहर चलने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में लापरवाही बरतने से बेहतर है - लोग अपनी सुरक्षा खुद करें और बचाव की राह पर चलें। शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें, जहां तक संभव हो घर से बाहर निकलने से पहले मौजे, दस्ताना, स्कार्फ जरूर पहनें। बुजुर्ग व बच्चे सुबह-शाम घर से बाहर निकलने से बचें और बीमार लोग अपने रक्तचाप की जांच सुबह के समय जरूर कराएं, डॉक्टर के संपर्क में रहें तथा समय रहते रक्तचाप नियंत्रित करने के लिए दवा लेते रहें, यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. महावीर सिंह फौजदार का। डा. फौजदार ने बताया सर्दियों के मौसम में अस्पताल में सर्दी और खांसी से परेशान मरीजों की संख्या अधिक हो जाती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप स्वयं को सर्दी के मौसम में पूरे समय स्वस्थ एवं सुरक्षित रखें।
ऐसा करके सामान्य रूप से होने वाली बीमारियों को अपने परिवार से दूर रख सकते हैं। उन्होंने कहा- सर्दी ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करती है। बच्चों में निमोनिया की शिकायत हो जाती है नाजुक शरीर होने के कारण सर्दी में बच्चे की खास देखभाल जरूरी है। बुजुर्गों को जोड़ों के दर्द की समस्या हो जाती है। इसके अलावा सर्दियों में जोड़ों का दर्द, घुटने का दर्द, शरीर के अन्य हिस्सों के हड्डियों में दर्द की समस्याएं हो जाती है। सर्दी शुरू होते ही आर्थराइटिस के पुराने मरीजों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। इसके कई कारण होते हैं कड़ाके की ठंड में तापमान के कम होने पर खून की धमनियां संकुचित हो जाती है और रक्त का प्रवाह सामान्य ढंग से नहीं हो पाता जिससे शरीर में हर जगह रक्त और ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंचती है और इसी कारण शरीर की तंत्रिकाओं में तनाव पैदा हो जाता है, जिससे जोड़ों में अकड़न के साथ दर्द की समस्या होने लगती है।