नामांतरण की एक फाइल दो साल तक दबाने के मामले में केडीए का बाबू निलंबित
अपर सचिव डॉ. गुडाकेश शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया
कानपूर: केडीए के बाबू विकास भारती ने नामांतरण की एक फाइल दो साल से लटकाए रखी. आवेदन करने वाले रमेश दीक्षित ने केडीए के इतने चक्कर लगाए कि थककर चूर हो गए. जिलाधिकारी एवं केडीए वीसी राकेश कुमार सिंह ने मामला संज्ञान के आने के बाद बाबू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वहीं, अपर सचिव डॉ. गुडाकेश शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है.
मामला यह है. डीएम केडीए में जनता दर्शन कार्यक्रम में थे. इसी दौरान काकादेव योजना प्रथम के ब्लॉक सी स्थित प्लॉट नंबर 32 का नामांतरण आवेदन लंबित रखने का प्रकरण सामने आया. डीएम ने फाइल मंगाई तो पाया कि आवेदक रमेश कुमार दीक्षित ने एकल विंडो के माध्यम से 13 अप्रैल 2022 को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था. तब से नामांतरण नहीं हुआ.
प्रथम दृष्टया जांच में यह मामला निकला: प्रथम दृष्टया जांच में पता चला कि बाबू विकास भारती ने नामांतरण का प्रस्ताव चार अक्तूबर को प्रस्तुत किया था. यह फाइल कई पटलों से होते हुए जोनल विक्रय प्रभारी जोन दो के पास पहुंची. छह अक्तूबर 2023 को अपर सचिव को अग्रसारित की गई. अपर सचिव ने विस्तृत आख्या एवं वर्णित तथ्यों को पतांकित (फ्लैग लगाकर हाईलाइट करना) करने को कहा गया. संस्तुति के साथ आख्या प्रस्तुत करने की टिप्पणी लगाते हुए फाइल अक्तूबर 2023 को वापस कर दी गई. तब से आज तक द्वितीय श्रेणी लिपिक विकास भारती द्वारा कोई भी आख्या प्रस्तुत नहीं की गई. फाइल लंबित रखी गई. डीएम का मानना है कि लिपिक के इस कृत्य से आवेदक का कार्य लंबे समय तक नहीं हुआ. इससे प्राधिकरण की छवि धूमिल हुई. यह कर्मचारी अनुशासनहीनता का स्पष्ट द्योतक है. डीएम ने इसे देखते हुए विकास भारती को निलंबित कर दिया है.
दो साल से नामांतरण की फाइल पर नोटिंग-नोटिंग का खेल चल रहा था. आवेदक को चक्कर लगाना पड़ रहा था. इस मामले में केडीए के बाबू को निलंबित कर दिया गया है जबकि अपर सचिव को शो कॉज नोटिस जारी किया गया है. सभी को चेतावनी दी गई है कि प्रार्थना पत्रों को लंबित न करें अन्यथा कार्रवाई होगी. - राकेश कुमार सिंह, डीएम एवं केडीए वीसी