मेरठ: बड़ी मुश्किल से कोई सुबह मुस्कराती है, गम की हर रात दबे पांव चली आती है, वक्त लगता ही नहीं जिदंगी बदलने में लेकिन वक्त बदलने में जिदंगी लग जाती है यह पक्तियां कवि सम्मेलनों के सबसे मधुर कण्ठ के नामों में गिने जाने वाले डा. विष्णु सक्सेना ने कही। आरजी पीजी कॉलेज के 75वें स्थापना दिवस समारोह में कही।
बता दें कि 75 सालों के इस सफर में महाविद्यालय ने प्रदेश को ही नहीं बल्कि देश को भी विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न पदों पर अनेक सशक्त व्यक्तित्व प्रदान किए हैं। पांच छात्राओं से आरंभ हुआ आरजी पीजी कॉलेज का छोटा-सा पौधा आज वट वृक्ष का रूप धारण कर चुका है। जिसमें लगभग 5000 छात्राएं अध्ययन कर रही हैं
और लगभग 147 शिक्षिकाएं अध्यापन कार्य में संलग्न है। इस अवसर पर कॉलेज प्रांगण में सबसे पहले हवन किया गया। उसके पश्वात पारितोषिक वितरण व कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नीरा नाथ ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या प्रो. निवेदिता कुमारी एवं कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर किया गया।
कवि सम्मेलन को आगे बढ़ाते हुए छोटा पैकेट बड़ा धमाका के नाम से मशहूर कवि कमल आग्नेय ने जहां देशभक्ति की पंक्तियों से आंखें नम कर दी। वहीं सती पद्मावती समान हो गई हूं मैं कहकर वीर की पत्नी के मनोभावों को अभिव्यक्त किया और अब में जो युद्ध हुआ तो 62 का हिसाब हो जाएगा कहकर चीन को भी ललकार दिया। कवि प्रवीण राही ने उनकी नजरें सीसीटीवी जैसी है मेरी क्या सब की बीवी ऐसी है कहकर कविता से श्रोताओं को हंसी से गुदगुदाया।
डा. सौरभ कांत शर्मा ने अपना प्रसिद्ध रामगीत राम बने द्वारकाधीश सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डा. सौरभ कांत शर्मा ने कविता पाठ करते हुए कहा कि है राष्ट्र बड़ा सारे ही धर्मों को छोड़कर, आओ करे सभी प्रणाम हाथ जोड़कर। कवियत्री डा. शुभम त्यागी ने कहा कि मिलकर जुलकर सब बैठे हैं, उत्सव बड़ा मना देंगे, तुम क्यां जानो हम अधंरों पर मन के भाव सजा देंगे। कवि सम्मेलन के पश्चात सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को नकद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
जिसमें फिरोजा आॅल राउंडर आॅफ ईयर (2022-23), खुशी पंत (खेल बैडमिंटन), शुभांगी अरोड़ा बीवॉक टॉपर आॅफ यूनिवर्सिटी, (कु. आयुषी) दीपा गुप्ता गोल्ड मेडल, अनुष्का चपराना (कुसुम अग्रवाल शारदा देवी गोल्ड मेडल) एमएससी वनस्पति विज्ञान टॉपर समेत 27 विद्यार्थियों को सर्वाधिक अंक प्राप्त करने के लिए पारितोषिक दिया गया। इसके पश्चात महाविद्यालय कार्यकारिणी के सचिव पुनीत नाथ सेठ ने सभागार में उपस्थित शिक्षिकाओं, छात्राओं को संबोधित किया एवं महाविद्यालय की प्रगति की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
प्राचार्या प्रो. निवेदिता कुमारी एवं कार्यकारिणी के सदस्यों ने स्व. मनमोहन नाथ सेठ की स्मृति में स्मारिका का विमोचन कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि प्रदान की। कार्यक्रम में डा. रीनू जैन, डा. सुनीता, डा. कल्पना, डा. नीलम सिंह, डा. पारुल, डा. प्रीति, डा. दीक्षा यजुवेर्दी आदि मौजूद रही।