कशी Vishwanath : नए साल के पहले दिन, 1 जनवरी 2025 को, काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ ने इतिहास रच दिया। मंदिर प्रशासन के अनुसार, इस दिन 7.43 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। यह संख्या सावन के किसी भी सोमवार की तुलना में अधिक है। इससे पहले, 1 जनवरी 2024 को 7.14 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे।
हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजा मंदिर परिसर
भक्तों की टोलियां सुबह से ही गंगा तट से मंदिर की ओर हर-हर महादेव, जय श्री काशी विश्वनाथ के जयकारे लगाते हुए बढ़ रही थीं। मंदिर के कपाट खुलने के बाद से देर रात तक श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं।
1.5 किलोमीटर लंबी कतारें
सुबह मंगला आरती समाप्त होने के बाद, भक्तों की कतार बांसफाटक से गोदौलिया चौराहे और दूसरी तरफ गेट नंबर चार से चौक थाने तक पहुंच गई। यह पहली बार हुआ जब इतने बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं ने एक दिन में दर्शन किए।
मंदिर प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, श्रद्धालुओं की संख्या दिनभर तेजी से बढ़ती रही
सुबह 6 बजे तक: 1.10 लाख श्रद्धालु
सुबह 8 बजे तक: 1.65 लाख श्रद्धालु
सुबह 10 बजे तक: 2.35 लाख श्रद्धालु
दोपहर 12 बजे तक: 2.80 लाख श्रद्धालु
दोपहर 2 बजे तक: 3.59 लाख श्रद्धालु
शाम 4 बजे तक: 4.21 लाख श्रद्धालु
शाम 6 बजे तक: 5.09 लाख श्रद्धालु
रात 8 बजे तक: 6.06 लाख श्रद्धालु
रात 11 बजे तक: 7.43 लाख श्रद्धालु
सावन जैसा प्रोटोकॉल लागू
श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए, मंदिर प्रशासन ने सावन और महाशिवरात्रि के समान प्रोटोकॉल लागू किया। सेवादारों को भीड़ प्रबंधन में लगाया गया। सभी ने शांतिपूर्ण ढंग से दर्शन किए। सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया।
टिकट बुकिंग पर लगी रोक
मंदिर प्रशासन ने 31 दिसंबर से ही आरती और सुगम दर्शन के टिकट की बुकिंग बंद कर दी थी। 2 जनवरी को भी इन सेवाओं की बुकिंग उपलब्ध नहीं होगी। सभी श्रद्धालुओं ने सामान्य तरीके से दर्शन किए।
चार साल के दौरान एक जनवरी को आए श्रद्धालुओ का आंकड़ा
1 जनवरी 2022: 5 लाख श्रद्धालु
1 जनवरी 2023: 5.50 लाख श्रद्धालु
1 जनवरी 2024: 7.14 लाख श्रद्धालु
1 जनवरी 2025: 7.43 लाख श्रद्धालु
मंदिर प्रशासन ने कहा…
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए। सेवादारों ने भीड़ को व्यवस्थित ढंग से संभाला। इस ऐतिहासिक दिन ने काशी विश्वनाथ मंदिर में एक नया अध्याय जोड़ा है।