लखनऊ न्यूज़: स्मार्ट क्लासेज, कैमरे, पक्की सड़कें, सोलर लाइट, ओपेन जिम, वाईफाई , बेहतर कचरा प्रबंधन. कहने को तो गांव लेकिन सुविधाएं शहरों जैसी...इसी लक्ष्य के साथ जब कासगंज के तीन गांवों को आधुनिक बनाने काम शुरू हुआ तो देखते ही देखते तस्वीर बदल गई.
कासगंज के तीन नगला सेडू, भुजपुरा, व धुवियाई अब आधुनिक गांवों में तब्दील होकर हर जगह चर्चा का विषय बने हैं. अब मुख्य सचिव ने इस पहल को सराहनीय बताते हुए तय किया कि अन्य जिलों के जिलाधिकारी भी इसी तरह अपने जिलों में पहले चरण में कुछ गांवों का चयन करेंगे और आधुनिक गांव विकसित करेंगे.
इस पहल के पीछे कासगंज की डीएम हर्षिता माथुर हैं, जिन्होंने पहले सर्वे करा समग्र ग्राम व आदर्श ग्राम योजना से आगे बढ़कर इसे आधुनिक गांव बनाने का काम शुरू कराया. पहले कमियों की पहचान की. फिर खर्च का आकलन किया. इसके बाद फंड का इंतजाम किया गया. लाभार्थियों को चिन्हित किया गया.
एक गांव में कराए गए हैं 16 तरह के काम
इसके बाद 15 वें वित्त आयोग, मनरेगा, सीएसआर, विधायक व सांसद निधि के अलावा जन सहयोग भी लिया गया. 16 तरह के काम कराने पर एक गांव पर 23 लाख सत्तर हजार रुपये खर्च हुए. गांव में स्मार्ट टीवी, इन्वर्टर, वृक्षारोपण, वालपेंटिंग तो किए गए हैं. साथ गांव के सभी मकान का सामने का हिस्सा एक ही रंग में रंगा गया. गांव की सड़कों डामर व इंटरलाकिंग द्वारा पक्का कराया गया. जनता से सीधे संवाद के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की जानकारी दी जाती है.