Kasganj: 197 शराब की दुकान के सापेक्ष 100 ने ही लिया खाद्य सुरक्षा का लाइसेंस

Update: 2024-08-11 11:21 GMT
Kasganj  कासगंज : पीने वाले कहते हैं कि शहर में शराब और बीयर में मिलावट का धंधा जोरों पर चल रहा है। इसे रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शराब व बीयर के नमूनों की जांच खाद्य सुरक्षा विभाग को करना चाहिए लेकिन विभाग तेल व मसाले, दूध के नमूने भरने तक सीमित हो कर रह गया है। जिसके चलते शराब, बीयर, देशी शराब की दुकानों पर मिलावट का खेल जम कर हो रहा है।
खाद्य पदार्थ एवं मानक अधिनियम के अनुसार खाद्य पदार्थो में मिलावट की जिम्मेदारी, जिस विभाग के पास है, वह विभाग घी, तेल खोया रिफाइंड के नमूने तो लेता है, लेकिन मानक विहीन शराब की दुकानों का नहीं लेते। यहां तक 40 फीसदी शराब की दुकानें बिना फूड लाइसेंस के संचालित हो रही है। विभाग जान बूझकर अनजान बना हुआ है। विभाग की अनदेखी की वजह से राजस्व का भी घाटा हो रहा है। फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड एक्ट 2006 के तहत सभी ठेकों के लिए फूड लाइसेंस लेना अनिवार्य है, लेकिन ठेका संचालकों ने लाइसेंस के लिए आवेदन तक नहीं किया है। ऐसे में शराब में मिलावट की संभावना होने पर अधिक खतरा रहता है। अभी तक कार्रवाई नहीं होने से बेखौफ शराब ठेकेदारों धड़ल्ले से बिना लाइसेंस के शराब बेच रहे हैं। ठेका संचालकों के पास लाइसेंस का होना उतना अनिवार्य है, जितना अन्य लाइसेंस का। लेकिन इसमें अभी तक कार्रवाई न होने से भी ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं।
आंकड़ों की एक नजर में
दुकानें- लाइसेंस, बिना लाइसेंस
देशी की 119 -50 -69
अंग्रेजी 41- 25 -21
बीयर 37 -25 -12
लाइसेंस न मिलने पर छह माह का कारावास
शराब की दुकानों के लाइसेंस नहीं लेने पर उनके खिलाफ एफएसएसए-2006 एक्ट के तहत प्रकरण बनाया जाएगा। इसके तहत दोषी पाए जाने पर छह माह का कारावास व पांच लाख रुपये का का जुर्माना लगाया जा सकता है।
अनिवार्य है फूड लाइसेंस
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत शराब को पेय पदार्थ माना है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से शराब दुकानदारों को फूड लाइसेंस लेना जरूरी है। फूड लाइसेंस नहीं लेने से विभाग को राजस्व नुकसान होने के साथ मिलावट होने की आशंका भी रहती है। वर्तमान में संचालक इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं।
एफएसडीए ने आबकारी विभाग को लिखा पत्र
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अवधेश मिश्रा ने बताया कि जिले में चल रहे शराब के ठेकों के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए आबकारी विभाग को पत्र लिखा है। फूड सेफ्टी एक्ट के तहत शराब पेय पदार्थ में आता है। इसलिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। जिन शराब ठेकों के पास फूड लाइसेंस नहीं पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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