Kanpur: गायब हुई 1470 बोरी डीएपी का मामला शासन तक पहुंचा
प्रबंध निदेशक पीसीएफ से अग्रिम कार्रवाई के लिए वार्ता की
कानपूर: रोड़ा स्थित पीसीएफ गोदाम से गायब 1,470 बोरी डीएपी और 1,000 बोरी यूरिया का मामला अब शासन पहुंच गया है. इस प्रकरण को लेकर अग्रिम कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने स्थानीय अफसरों से बातचीत करने के बाद प्रबंध निदेशक पीसीएफ से अग्रिम कार्रवाई के लिए वार्ता की.
किसानों को समय से निर्धारित दामों पर खाद दिलाने के लिए प्रशासन और कृषि विभाग जुटा हुआ है. सहकारी समितियों के साथ निजी विक्रेताओं की दुकानों पर पैनी नजर रखी जा रही है. प्रतिदिन की बिक्री के साथ अधिक बोरी ले जाने वाले कृषकों के अभिलेखों को जांचा जा रहा है. विक्रेताओं से भी बराबर जवाब तलब किए जा रहे हैं. ओवररेटिंग रोकने के लिए कृषि विभाग और प्रशासन ने अलग-अलग टीमें लगा रखी हैं. खाद को मध्य प्रदेश ले जाने से रोकने के लिए पुलिस को अलर्ट किया गया है. इस सब के बीच रोड़ा स्थित पीसीएफ गोदाम से डीएपी और यूरिया की बोरियां गायब होने के प्रकरण ने मानीटरिंग व्यवस्था पर सवाल रखे किए हैं.
रोड़ा स्थित पीसीएफ गोदाम पर रखी बोरियों के हिसाब किताब के दौरान जिला प्रबंधक पीसीएफ आनंद कुमार सिंह ने तत्कालीन भंडार नायक रविभूषण कुशवाहा को पत्र लिखकर 220 मीट्रिक टन डीएपी समितियों को बांटकर स्टाक निल करने के निर्देश दिए थे. वहीं भंडार नायक ने 1,470 बोरी डीएपी इफको बाजार भेजना दर्शाया गया .
इफको बाजार प्रबंधक अनिल कुमार जैन ने बताया कि उक्त डीएपी उनके पास नहीं भेजी गयी और उन्होंने उर्वरक की मांग भी नहीं की थी. इससे साफ है कि भण्डार नायक डीएपी बोरियों की पोजीशनिंग के साथ छेड़छाड़ करते चले आ रहे हैं. इस दौरान पीसीएफ अफसरों को 1,000 बोरी यूरिया के गड़बड़झाले का भी पता चला. अधिकारियों ने तत्कालीन भण्डार नायक को स्पष्टीकरण नोटिस दिया लेकिन उसने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा. इसके बाद मामला डीएम के समक्ष पहुंचा. जिलाधिकारी ने स्थानीय अफसरों से इस मामले को समझा फिर अग्रिम कार्रवाई के संबंध में प्रबंध निदेशक पीसीएफ से बातचीत की.
दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी: जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि डीएपी की बोरियां गायब करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा. इसमें जो-जो व्यक्ति शामिल होंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.