कानपूर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मण्डलीय ईको कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘मिर्गी और गैर-मिर्गी दौरों की प्राथमिक देखभाल एवं उपचार’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में विषय विशेषज्ञ के रूप में मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलाजी विभागाध्यक्ष डा. अरविन्द कनकने ने व्याख्यान दिया. डॉ कनकने ने बताया कि प्रत्येक सौ में से एक व्यक्ति को एपिलेप्सी (मिर्गी) की संभावना रहती है. चिंता का विषय यह है कि इस बीमारी के प्रति लोगों का नजरिया इस प्रकार का है कि पीड़ितों को समय पर सही उपचार नहीं मिल पाता है. कुल ग्रसित मरीजों में से केवल 20 प्रतिशत मरीजों को ही इलाज मिल पा रहा है. समाज में मिर्गी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इससे संबंधित मिथ्यों को दूर करना महत्वपूर्ण है.
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुये डा. आर.के. सोनी, संयुक्त निदेशक ने कहा कि मिर्गी के मरीजों को सामाजिक समर्थन व सहानुभूति की आवश्यकता होती है. एसीएमओ डॉ. एनके जैन ने मिर्गी को लेकर समाज में मिथक और गलत धारणाओं पर चर्चा की. आई.एम.ए. झांसी इकाई के अध्यक्ष डा. प्रताप सिंह ने कहा कि सभी चिकित्सकों को मरीजों की निरंतर निगरानी कर रेफर करते समय संबंधित चिकित्सा विशेषज्ञ को मरीज की स्थिति की जानकारी देकर ही भेजना मरीज के हित में होगा.
सेमिनार में झांसी, जालौन व ललितपुर के लगभग 100 चिकित्सकों व सी.एच.ओ. ने भाग लिया. सेमिनार में ए.सी.एम.ओ. डा. देवेन्द्र भिटौरिया, मो. अतीब खांन, धीरज सिंह चौहान मौजूद रहे.
राष्ट्रीय सफाई आयोग की उपाध्यक्षा ने सुनी कर्मियों की समस्याएं: उत्तर प्रदेश सफाई मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष एवं सफाई कर्मचारी संयुक्त महासंघर्ष समिति नगर निगम के संयोजक अशोक प्याल ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्षा अंजना पंवार से मिलकर सफाईकर्मियों की समस्याओं को रखा. राजकीय संग्रहालय में स्वागत एवं विचार गोष्ठी में राष्ट्रीय सफाई आयोग की उपाध्यक्ष ने सफाईकर्मियों के उत्थान व मिल रही सुविधाओं के सम्बंध में जानकारी ली. साथ ही सफाईकर्मियों की समस्याओं व उनके निस्तारण के सम्बंध में जानकारी ली. इससे पूर्व महासंघर्ष समिति के संयोजक अशोक प्याल ने राष्ट्रीय सफाई आयोग की उपाध्यक्षा का फूल मालाओं स्वागत किया. इस मौके पर नगर निगम की उपसभापति प्रियंका साहू मौजूद रहीं.