Kanpur: आयकर विभाग ने करोड़ों रुपये की बरामदगी का हिसाब माँगा

फिलहाल नोटिस भेजकर रकम का ब्योरा मांगा गया है

Update: 2024-06-29 07:47 GMT

कानपूर: देशभर में आयकर विभाग के छापों में मिले लाखों-करोड़ों रुपये दबाने वाले अब रडार पर हैं. इनमें बिल्डर, ज्वेलर्स और सफेदपोश भी हैं. फिलहाल नोटिस भेजकर रकम का ब्योरा मांगा गया है. विभाग की सख्ती से यूपी ही नहीं बल्कि कई राज्यों में खलबली मची है.

अलग-अलग राज्य व शहरों में तीन साल के दौरान कई जगहों पर छापेमारी की गई. इनमें से बिल्डर, ज्वेलर्स समेत कई बड़े कारोबारी भी जद में आए. छापे के दौरान अफसरों ने बड़ी संख्या में नकदी भी बरामद की. जांच के दौरान रकम देने वालों के नामों का भी खुलासा हुआ तो विभाग ने उनसे कमाई का जरिया बताने के लिए कहा है.

180 से अधिक लोगों को देशभर में नोटिस : आयकर सूत्रों की मानें तो छापेमारी के दौरान लगभग 25 से 30 करोड़ रुपये नकद में बरामद हुए. यह रकम व्यापारिक सौदे, जमीन की खरीद-फरोख्त के लिए मुख्य रूप से दी गई. रकम का जरिया जानने के लिए विभाग ने दिल्ली, यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई देशभर में करीब 182 लोगों को धारा 148 के तहत नोटिस दिया है.

कानपुर, लखनऊ समेत कई जिलों के कारोबारी रडार पर

छापों में बरामद करोड़ों रुपये के मामले में यूपी के कई शहर के कारोबारियों पर तलवार लटक रही है. सूत्रों के अनुसार, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद और मेरठ के भी कारोबारी रडार पर हैं. बरामद रकम देने में इनकी संलिप्तता का पता चलने पर नोटिस भेजकर पक्ष रखने को रखा गया है.

छापेमारी में बरामद नकदी का हिसाब-किताब आयकर विभाग मांग रहा है. इसके लिए विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किए गए हैं. रकम का जरिया नहीं बताने या संतोषजनक जवाब नहीं होने पर विभाग सख्ती भी कर सकता है.

-दीप कुमार मिश्रा, वरिष्ठ कर विशेषज्ञ

तीन साल के दौरान देशभर में हुई छापेमारी में बरामद नकदी पर आयकर विभाग सख्त है. विभाग ने नकद देने वालों को रडार पर रखा है. ऐसे लोगों को धारा 148 के तहत नोटिस भेजकर पक्ष रखने के लिए कहा गया है. अगर जवाब संतोषजनक नहीं है तो विभाग कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.

- अंकुर गोयल, वरिष्ठ कर विशेषज्ञ

कानपूर

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