Kanpur कानपुर । कोहरे के कारण 200 से अधिक ट्रेनों का संचालन ध्वस्त हो गया है, इनमें राजधानी जैसी वीआईपी ट्रेनें भी शामिल हैं। लोको पायलटों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने विवेक से ट्रेन चलाएं और रात में ट्रेनों की गति 10 से 15 किमी प्रति घंटा से अधिक नहीं रखें।
कोहरे के मद्देनजर दो स्टेशनों के मध्य एक विशेष सिग्नल भी लगाया गया है। कानपुर में लोको पायलटों ने अमृत विचार संवाददाता को बताया कि रात में 10 से 15 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चल रही हैं। अधिकारियों के निर्देश हैं कि कोहरे में अपने विवेक से ट्रेन चलाएं। दिन में भी 70 किमी से अधिक की रफ्तार से ट्रेन नहीं चलेंगी। वीआईपी ट्रेनों की गति भी 70 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है।
कानपुर-दिल्ली के मध्य दौड़ रहीं लगभग 200 ट्रेनों पर कोहरे का असर दिखाई दे रहा है। रविवार की रात में आने वाली कई ट्रेनें सोमवार सुबह 8 बजे के बाद पहुंची। कुछ दिन पूर्व तक कानपुर से दिल्ली के मध्य एक के पीछे एक 900 मीटर पर ट्रेनें दौड़ रही थीं लेकिन कोहरे को देखते हुए अब दो स्टेशनों के मध्य दो ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं। इसी के साथ ही दो स्टेशनों के मध्य एक विशेष सिग्नल लगाया गया है।
यहां लाल सिग्नल होने पर चालक ट्रेन रोके रहते हैं लेकिन यदि 10 मिनट में ये सिग्नल ग्रीन नहीं होता है तो वहां एक ऐसा सिस्टम दिया गया है जिसके माध्यम से चालक आगे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर से संपर्क साधते हैं। चालक पूछते हैं कि कोई ट्रेन कितनी आगे चल रही है और फिर स्टेशन मास्टर के निर्देश पर चालक ट्रेन को आगे बढ़ा रहे हैं।
यात्रियों को दूसरी ट्रेनों में यात्रा की इजाजत
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर उन यात्रियों को दूसरी ट्रेनों में सफर करने की इजाजत दी गई जिनकी ट्रेनें 5 घंटे से अधिक लेट थीं। ऐसे लगभग 1700 यात्री रहे जिन्हें दूसरी ट्रेनों में सफर कराया गया। आरक्षण केंद्र में आरक्षण कराने से ज्यादा आरक्षण टिकट निरस्त कराने वालों की लाइन रही। सोमवार को लगभग 3600 यात्रियों ने अपना टिकट वापस करा दिया।
हजारों यात्रियों के खानपान का अतिरिक्त बोझ
वीआईपी ट्रेनों जैसे डिब्रूगढ़, गुवाहाटी, पटना समेत सभी राजधानी एक्सप्रेस, वंदेभारत एक्सप्रेस, स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों के यात्रियों को आईआरसीटीसी के माध्यम से खाना देना पड़ा। इन यात्रियों को कानपुर स्टेशन से खाना दिया गया। एक ट्रेन में लगभग 900 यात्रियों के खाने की व्यवस्था आईआरसीटीसी करता है लेकिन ये भी नियम है कि यदि ट्रेन अधिक लेट हो जाएगी तो यात्रियों को मुफ्त मंे खाना देना पड़ेगा।
कोहरे में ट्रेन चालकों को अपने विवेक से ट्रेन संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। सुरक्षा के लिहाज से दो स्टेशनों के बीच दो ट्रेनें ही चल रही हैं।- संतोष त्रिपाठी, सहायक वाणिज्य प्रबंधक, कानपुर सेंट्रल स्टेशन