Kanpur: पहले पति फिर वियोग में गई पत्नी की भी गई जान

पूरे गांव सदमे में डूबा

Update: 2024-11-18 05:55 GMT

कानपूर: पूंछ थाना क्षेत्र में साथ जीने-मरने का अटूट उदाहरण देखने को मिली. गांव द्वारका में बीमारी से ग्रस्त पति की मौत के बाद सदमे में आई वृद्ध पत्नी ने भी कुछ देर में दम तोड़ दिया. एक दिन में हुई दंपति की मौत के बाद परिवार वाले बिलख पड़े. दोनों की एक साथ अर्थियां उठाई और अंतिम संस्कार भी किया गया. जिस पर पूरा गांव रो पड़ा.

गांव द्वारका निवासी रतीराम परिहार (70) को बीते साल लकवा की बीमारी से ग्रसित हो गए थे. उनक इलाक कराया. लेकिन, वह खड़े नहीं हो सके. वह खटिया पर ही पड़े रहते थे. उनकी पत्नी जानकी देवी (65) परछाईं की तरफ उनके साथ रही. लगातार देखभाल करती थीं. बीती देर रात रतीराम की अचानक हालत ज्यादा खराब हो गई. वह बोल भी नहीं पा रहे थे. उनका इलाज कराया गया. लेकिन, कोई आराम नहीं मिला. कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई. जिससे पूरा परिवार रो पड़े. इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, वहीं पति की मौत की खबर सुनकर जानकी देवी भी फूट-फूटकर रो पड़ीं और बेसुध होकर उनके पास ही गिर गई. यह देख परिवार के लोग घबरा गए. उनका मुंह बंध गया. इसके बाद वह बेहोश होाई. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. हालांकि परिजनों ने पोस्टमार्टम से इंकार कर दिया. वह रात को भी मां का शव लेकर घर आ गए. दोपहर नाते-रिश्तेदारों को खबर की. दोनों की अर्थियों एक-साथ उठाई गई और गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया.

रो पड़ा गांव गांव में जब घरों में पता चला कि वृद्ध रतीराम और उनकी पत्नी जानकी देवी की मौत हो गई तो पूरा परिवार रो पड़ा. सुबह से ही पूरा गांव एकत्र हो गया. एक साथ एक घर में दो मौतों परिजन फूट-फूटकर रो रहे थे. महिलाएं एक दूसरे को समझाती और स्वयं रोने लगतीं. परिजनों ने बताया कि दादा की मौत की खबर सुनकर जानकी एकदम बेसुध हो गईं. उनकी मुंह बंद हो गया. कुछ देर बाद उन्हें अस्पताल ले गए. जहां मृत घोषित कर दिया.

 पूरे गांव सदमे में डूबा सुबह जैसे ही खबर ग्रामीणों को लगी तो पूरा गांव सदमे में आ गया. परिजनों से लेकर रिश्तेदार और गांव के लोग जुट गए. सभी ने एक चिता पर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया. दोपहर में घर से एक साथ दोनों की अर्थी उठी. इसके बाद दोनों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार भी किया गया. मृतक दंपति के विनोद, प्रमोद और प्रवीण बेटे हैं. जबकि एक बेटी अनीता हे. सभी की शादी हो चुकी हैं.

बिलख पड़ा परिवार, नहीं जले गांव में चूल्हे

म़ृतक दंपति के बेटे विनोद, प्रमोद व प्रवीण परिहार ने बताया कि पिता रतीराम की हालत काफी नाजुक थी. वह खटिया उठ तक नहीं पाते थे. मां जानकी देवी उनका पूरा ध्यान रखती थी. घर वालों ने बताया कि माता-पिता दोनों से बहुत प्यार करते थे. माता जी करीब एक साल से पिता की सेवा में लगी थीं. उन्होंने कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि पिता का ध्यान ना रखा हो. वहीं इस दुखद घटना के बाद गांव में गम का माहौल है. पूरे गांव में घटना के बाद से चूल्हे नहीं जले हैं.

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