Kanpur: ब्रह्मोस सुपर सोनिक मिसाइल मामले की जांच में एटीएस को बड़ी लीड चंडीगढ़ से मिली थी.

अमृतसर के रिटायर फौजी के सिम से बुना गया था हनीट्रैप का जाल

Update: 2024-06-10 08:30 GMT

कानपूर: ब्रह्मोस सुपर सोनिक मिसाइल के प्रतिबंधित दस्तावेजों को आईएसआई तक पहुंचाने के मामले में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा तक पहुंचाने में उस समय एटीएस कानपुर यूनिट ने अहम भूमिका निभाई. जांच में एटीएस को एक बड़ी लीड चंडीगढ़ से मिली थी.

दरअसल इंजीनियर को हनीट्रैप में फंसाने वाली सेजल कपूर की फेसबुक आईडी पर चंडीगढ़ के एक रिटायर फौजी का मोबाइल नम्बर पड़ा था. जिसके जरिए एटीएस निशांत अग्रवाल तक पहुंच गई थी.

एडीसीपी मनीष सोनकर ने बताया कि सन 2018 में जांच शुरू की गई तो सेजल कपूर नाम से फेसबुक आईडी को लेकर अहम सुराग हाथ लगे थे. उन्होंने कहा कि सेजल कपूर की जो फेसबुक आईडी थी उसमें चंडीगढ़ के एक रिटायर एयरफोर्स ऑफिसर का मोबाइल नम्बर पड़ा हुआ था. जब एटीएस उन तक पहुंची तो वह 70 साल के बुजुर्ग निकले. पूछताछ करने पर पता चला कि क्रेडिट कार्ड को ठीक कराने के नाम पर कॉलिंग एजेंट ने उनका मोबाइल नम्बर और बाद में एक ओटीपी लिया था और क्यू व्हिसपर मालवेयर अपडेट करा दिया था. एडीसीपी के मुताबिक आईडी के जरिए लिंकडिन एकाउंट का पता चला फिर इंजीनियर की जानकारी हुई.

विदेश में नौकरी का झांसा: एडीसीपी ने बताया कि सेजल कपूर नाम की आईडी से इंजीनियर लिंकडिन के जरिए सम्पर्क में था. उसे विदेश में नौकरी करनी थी व सेजल की आईडी से बात करने वाले शख्स ने उसे बाहर नौकरी दिलाने का झांसा दिया था. जिसके एवज में उसके कहे अनुसार आरोपित ने प्रतिबंधित दस्तावेज उसे दे दिए थे. आरोपित से जब पूछताछ की गई थी तब उसने कबूला कि ज्यादा पैसे और बड़े पद के चक्कर में उसने सेजल के कहे अनुसार सारे कार्य किए थे.

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