नवजात बच्ची को नदी किनारे फेंक हुई रफूचक्कर हुई कलयुगी मां, इलाके में मचा हड़कंप
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रायबरेली। जहां सरकार बेटा बेटी एक समान के नारे के साथ बेटी बचाओ अभियान चला रही है। वहीं आज भी समाज में भ्रूण हत्या सहित बेटियों पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, ऐसे में आज भी लोग जहां बेटियों की भ्रूण हत्या करवा देते हैं या फिर नवजात को जंगलों में कुत्तों को नोचने के लिए फेंकवा देते हैं। एक ऐसा ही मामला रायबरेली से सामने आया है। जहां सई नदी के किनारे एक निर्दई मां ने अपनी जिंदा बच्ची को जंगल में जानवरों को नोचने के लिए फेंक दिया। गनीमत रही कि बच्ची की आवाज सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और वहीं से जा रहे एक राहगीर ने उसे अपने सुपुर्द लेते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलोन में भर्ती कराया है। जहां जांच के बाद बच्ची को स्वस्थ बताया गया है।
मामला परशदेपुर-सलोन मार्ग पर सई नदी का है, जहां उस समय हड़कंप मच गया जब सलोन कोतवाली क्षेत्र का केशवापुर निवासी नरेंद्र सई नदी के किनारे शौच के लिए गया था। तभी उसने बच्चे के रोने की आवाज सुनी। नजदीक जाकर देखा तो नवजात शिशु कपड़े में लपेटा पड़ा था। सूचना पाकर परशदेपुर गांव के काफी लोग पहुंच गए। वही केशवापुर निवासी राजकुमार यादव उसी समय परशदेपुर के मटियारा चौराहा जा रहे थे। भीड़ देखकर वह भी वहीं पहुंच गए। नवजात की सांसे चल रही होने पर राजकुमार उसे अपने घर ले आए। मामले की जानकारी होने पर सलोन पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात शिशु को उनके घर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सलोन में भर्ती कराया। राजकुमार के 4 पुत्री हैं। उन्होंने नवजात बालिका को अपनी सभी पुत्रियों की तरह पालन पोषण करने को बात कही। गांव के लोगों का कहना है कि सुबह दो महिलाएं नवजात शिशु को वहां फेंक गई थी।