मेरठ क्राइम न्यूज़: कैराना का शाहिद नाम बदलकर नकली नोटों की तस्करी कर अलग-अलग जिलों में सप्लाई कर रहा था। मेरठ देहली गेट में पकड़े गये दो हजार के नकली नोटों के मामले में साला आफताब तो जेल में है, लेकिन मुख्य आरोपी शाहिद बड़ा ही शातिर किस्म का है। शाहिद का असली नाम वकील निकलकर सामने आया है। फिलहाल पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
लिसाड़ी गेट क्षेत्र अहमद नगर निवासी आफताब का जीजा कैराना निवासी शाहिद अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है। पुलिस को उसकी लोकेशन दिल्ली में मिली थी, लेकिन अब उसने मोबाइल स्विच आॅफ कर लिया है। पुलिस और गुप्तचर एजेंसी गोपनीय तरीके से शाहिद की तलाश में जुटी है। पुलिस की मानें तो शाहिद का असली नाम वकील है। वह नाम बदलकर अलग-अलग राज्यों में ट्रक ड्राइवर बनकर नोटों की तस्करी में जुड़ा है।
शाहिद उर्फ वकील सहित परिवार में छह भाई हैं। बड़ा भाई अकबर पुत्र असगर, शकील पुत्र असगर, शाहिद पुत्र असगर, वसील पुत्र असगर, अफसर पुत्र असगर, मनव्वर पुत्र असगर हैं। वहीं दो बहनें अलीना व शकीला हैं। शकीला सरधना के बाबू बड़ा मोहल्ला में ब्याही है। शाहिद का परिवार वर्षों से नकली करेंसी के धंधे में जुड़ा है।
पिता असगर कई जाली करेंसी की तस्करी के आरोप में दिल्ली सहित कई जिलों में पकड़ा जा चुका है, लेकिन हाल ही में उसका देहांत हो गया था। अब शाहिद नकली करेंसी के धंधे में जुड़ा है। पुलिस की मानें तो उसने अपने मोबाइल नंबर को बंद कर दिया है।