Jhansi: कोच के पहियों की गिनती कर सिग्नल बदल जाएंगे
"ऑटोमेटिक सिग्नल पर दौड़ेंगी ट्रेनें"
झाँसी: मण्डल रेलवे प्रशासन ने धौलपुर-बीना रेलखण्ड को ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली से सुसज्जित करने का काम तेज कर दिया है. करीब 302 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन पर 74 किलोमीटर तक का काम अफसरों ने पूर्ण कर लिया है. वहीं शेष कार्य को पूरा करने के लिए अफसरों की टीम ने डेरा डाल रखा है. ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली से जहां ट्रेनों के सुरक्षित संचालन का रास्ता साफ होगा, वहीं ट्रेनों की रफ्तार में भी वृद्धि होगी.
वर्षों से पटरियों पर दौड़ रही ट्रेंनों को अभी तक परम्परागत ब्लॉक सिग्नल प्रणाली से संचालित किया जा रहा है. स्टेशन मास्टर पैनल पर गाड़ी को देखकर सिग्नल देता था. ब्लॉक में हर 5 किलोमीटर के अंतराल में सिग्नल व्यवस्था को दुरस्त रखने के लिए रेलवे नॉन इंटरलॉकिंग कराकर ट्रेनों की सफल संचालन को निर्वाह करता आ रहा है. मण्डल रेलवे में सभी रेल लाइनों का विद्युतीकरण करने के बाद गाड़ियों के सुरक्षित संचालन एवं रफ्तार बढ़ाने की दिशा में अब ऑटोमेटिल सिग्नल प्रणाली बेहतर साबित होगी. इसकी शुरुआत धौलपुर-बीना रेलखण्ड से की गई है. करीब 302 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन को ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली से सुसज्जित किया जा रहा है. अफसर कहते हैं कि करीब 74 किलोमीटर का काम पूरा हो गया और तेजी से कार्य पूर्ण कराने के लिए अफसरों की टीम मॉनीटरिंग कर रही है.
कोच के पहियों की गिनती कर सिग्नल बदल जाएंगे ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम हाईटेक है. हर एक किलोमीटर के अंतराल में सिग्नल कनेक्टविटी का काम किया जाएगा. ट्रेन ड्राईवर को स्क्रीन पर देखने व सिग्नल समझने के लिए दिक्कत नहीं होगी. चार तरह के सिग्नल होंगे. इसमें हरा, पीला, डबलपीला व लाल रंग का सिग्नल प्रदर्शित किया जाएगा. सेक्शन में चल रही गाड़ी व रुकने से लेकर हर मूवमेंट की जानकारी ड्राईवर को केबिन से सम्भव हो सकेगी.
6 रेलवे गेट हुए इंटरलॉक, आगे सभी इंटरलॉक होंगे ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम को लेकर धौलपुर-बीना रेलखण्ड को इंटरलॉक किया जाएगा. वर्तमान में 6 रेलवे गेट इंटरलॉक किए जा चुके हैं, अन्य सभी रेलवे गेट इंटरलॉक किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इंटरलॉक होने के बाद जहां सेक्शन में गाड़ियों ऑटोमेटिक सिग्नल पर फर्राटा भर सकेगी, बल्कि इंटरलॉक के कारण किसी प्रकार की रेलवे गेट पर दुर्घटनाओं का अंदेशा खत्म होगा. सभी रेलवे गेट आपस में इंटरलॉक होंगे. गाड़ी आने व चलने से लेकर निकलते तक सिग्नल आगे की दिशा को प्रदर्शित करते रहेंगे.
ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम आधुनिक है. यह स्टेशन मास्टर के सिग्नल दिखाने तक निर्भर नहीं होगी. धौलपुर-बीना सेक्शन में काम 74 किलोमीटर तक पूरा कर लिया है, शेष काम जल्द पूर्ण कराने का प्रयास है. ऑटोमेटिक सिग्नल प्रणाली लागू होने के बाद गाड़ियों की संरक्षा व सुरक्षा पुख्ता होगी. साथ ही रफ्तार में भी सुधार आएगा. -मनोज सिंह,पीआरओ