Jhansi: पुलिस ने विधायक फतेह बहादुर प्रकरण में मुख्यालय भेजी रिपोर्ट
पुलिस की जांच में नहीं मिले साजिश के साक्ष्य
झाँसी: कैंपियरगंज से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह को जान से मारने की साजिश प्रकरण की जांच पूरी कर पुलिस ने मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है. इसमें हिस्ट्रीशीट समेत दो लोगों से पूछताछ की जिक्र है, जिसके हवाले से पुलिस ने साजिश के साक्ष्य न होने की बात कहते हुए एसटीएफ से जांच कराने का आग्रह किया है.
जानकारी के मुताबकि, 18 जुलाई को भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह ने प्रेसवार्ता कर साजिश की बात कही थी. आरोप लगाया था कि पीपीगंज थाने के हिस्ट्रीशीटर ने पांच करोड़ में उनकी हत्या कराने की सुपारी दी है. एक करोड़ रुपये चंदा जुटाकर एकत्र किया गया है. आरोप लगाए थे कि साजिशकर्ताओं के बारे में पुलिस को बताने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए मुझे मीडिया में आना पड़ा. विधायक के आरोप लगाने से पुलिस व प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया.
डीएम व एसएसपी ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए मामले की गंभीरता से जांच कराने की बात कही. हरकत में आई क्राइम ब्रांच की टीम ने हिस्ट्रीशीटर समेत कई लोगों से पूछताछ की. जिनके ऊपर संदेह था, उनका नंबर सर्विलांस पर लगाया गया, लेकिन हत्या का ठेका लेने व चंदा जुटाने का कोई साक्ष्य नहीं मिला. जांच आख्या में बताया गया है कि भाजपा की जिला पंचायत सदस्य सरोज देवी का बेटा व पीपीगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर राजीव रंजन चौधरी पहले विधायक का करीबी था, लेकिन नगर पंचायत चुनाव के बाद से अलग हो गया. वर्तमान में विधायक से उसका मनमुटाव चलता है. आशंका है कि इसी वजह से संदेह हुआ होगा.
सपा नेता के जरिए हिस्ट्रीशीटर का आया था नाम: भाजपा विधायक की हत्या की सुपारी के लिए पांच करोड़ रुपए जुटाने का मामला एक सपा नेता के जरिए सामने आया था. पुलिस ने पूछताछ की पर कोई सुराग नहीं मिला. उधर, विधायक की शिकायत सामने आने पर एसएसपी ने क्राइम ब्रांच के अलावा एसटीएफ से भी अपने स्तर से जांच का आग्रह किया था. पुलिस को जब इस मामले में अभी तक कोई प्रगति नहीं मिली तो पूरी जांच अब एसटीएफ को सौंप दी गई है.