Jhansi: जनपद में खेत तालाब योजना के अंतर्गत अधिकारियों ने किया करोड़ों का भ्रष्टाचार
सीडीओ ने शासन को भेजा कच्चा चिट्ठा
झाँसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पर ड्राप मोर क्राप’ के अन्तर्गत खेत तालाब योजना को जनपद में विभागीय भ्रष्टाचार ने बर्बाद कर दिया. कई शिकायतों के बाद जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी की जांच पर खंड विकास अधिकारियों की पड़ताल ने मुहर लगा ली. जिसके बाद जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीडीओ ने शासन को पत्र भेजा है.
खेत का पानी खेत में रोककर मत्स्य पालन और सिंचाई में उपयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत खेत तालाब बनाने का वर्ष 2016 में शुभारंभ किया था.
इसके तहत लघु व सीमांत कृषकों को लाभान्वित कर खेत तालाब बनाने के लिए तीन किश्तों में 57,100, द्वितीय में 28,500 व तृतीय में भी 28,500 रुपये दिए जाते हैं. इस धनराशि की मदद से सूचीबद्ध कृषक अपने खेत पर जेसीबी मशीन की मदद से खेत तालाब का निर्माण कराता है. इसके बाद उद्यान विभाग में आवेदन करवाकर ्िप्ररंकलर सेट से कृषक को लाभान्वित किए जाने का नियम है. बीते दिनों सहकार भारती के एक सदस्य व पार्षद ने खेत तालाब योजना में भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत की थी. जिस पर सीडीओ ने इसकी जांच जिला अर्थ एवं सख्याधिकारी राजेश कुमार सिंह व आरईडी अभियंता विवेक द्विवेदी को सौंपी थी.
इस जांच टीम को सिलगन में चार में से एक भी तालाब मौके पर नहीं मिला. लाभार्थी काफी देर तक जांच दल को गुमराह सीडीओ ने शासन को भेजा कच्चा चिट्ठाकरने का प्रयास करते रहे लेकिन अफसरों के सख्त होते ही उन्होंने लिखित बयानों में दलालों व अफसरों के भ्रष्टाचार की कहानी बयां कर दी. तालगांव में जांच के दौरान लाभार्थियों ने बताया कि उनको योजना के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. एक व्यक्ति ने उनसे फसल बीमा का लाभ दिलाने की बात कहकर उनके कागज मांगे थे, जो उसने दे दिए. छप्पन हजार रुपये बैंक खाते में आने पर दस हजार रुपये उसको मिले और शेष धनराशि उक्त ग्रामीण ने ले ली. अब विभाग उनको परेशान कर रहा है. लड़वारी में छह तालाबों की जांच के दौरान अफसरों ने पाया कि असाध्य बीमारी से जूझ रहे किसानों के कागजात लगाकर योजना की धनराशि दलालों ने ठिकाने लगा दी जबकि लाभार्थियों को इसकी जानकारी तक नहीं है.
कैंसर व टीबी से जूझते किसानों की खतौनी का दलालों व अफसरों ने मिलकर दुरुपयोग किया. जांच टीम के अफसरों ने अपनी आख्या में खेत तालाब योजना का कट्ठा चिट्ठा मुख्य विकास अधिकारी के समक्ष रख दिया है. जिसके बाद अब शिकायतकर्ताओं व विभागीय अफसरों की कार्रवाई पर नजर टिक गयी है. इसके बाद सीडीओ ने इसकी तह तक जाने के लिए बीते दो वर्षों में बने खेत तालाबों की जांच सभी खंड विकास अधिकारियों से कराई तो एक सैकड़ा से अधिक तालाब अस्तित्व में नहीं पाए गए. इस सुनियोजित भ्रष्टाचार से जिलाधिकारी को अवगत कराने के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेज दिया है, जिससे विभाग में खलबली मची है.