Jhansi मुआवजा दिए बगैर कचनौंदा बांध में डुबो दी किसानों की फसलें, जलभंडारण के चलते कल्यानपुरा व खरिया छतारा गांव में सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न

बांध में डुबो दी किसानों की फसलें, जलभंडारण के चलते कल्यानपुरा व खरिया छतारा गांव में सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न

Update: 2023-10-06 06:00 GMT
उत्तरप्रदेश   सिंचाई विभाग के नाकाबिल अफसरों और कर्मचारियों ने सैकड़ों धरतीपुत्रों को संकट में डाल दिया है. बिना मुआवजा दिए कचनौंदा बांध के डूब में तैयार फसल सहित सैकड़ों एकड़ खेत डुबो दिए. इस समस्या से जूझ रहे ग्राम कल्यानपुरा व खिरिया छतारा के किसान दर-दर ठोकरें खाने को विवश है. उनमें जबरदस्त आक्रोश पनप रहा है.
जनपद स्थित सजनाम व बानयी नदी के मिलन स्थल पर सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए कचनौंदा बांध में चरणबद्ध ढंग से जलभण्डारण का कार्य जारी है. बांध का उच्चतम जलस्तर 341.70 मीटर है. इस बार की बारिश में 341.10 मीटर तक बांध में पानी का भंडारण किया गया है. उसको फुल भरने में महज .60 मीटर तक पानी की और आवश्यकता है. फिलहाल बांध में पेयजल, सिंचाई आदि कार्यों के उपयोग को 49.07 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मौजूद है. इस बार के जलभण्डारण ने बांध परियोजना को तकनीकी रूप से बेहद कमजोर साबित कर दिया है. बांध में चरणबद्ध ढंग से पानी का भण्डारण करते समय बानयी नदी के आस पास बसे कई ग्राम पंचायतों के खेत जलमग्न हो गए. खिरियाछतारा और कल्यानपुरा ग्राम पंचायत के एक सैकड़ा से अधिक किसानों की डेढ़ सौ एकड़ वह जमीन डूब गई जिसमें फसलें तैयार हो रही थीं.
एक दिन पूर्व खेतों में फसल देखकर घर लौटने वाले किसान दूसरे व तीसरे दिए खेत पर गए तो नजारा देख उनके होश फाख्ता हो गए. तैयार हो रही फसल सहित सैकड़ों एकड़ खेत डूब गए. कचनौंदा बांध के गेट बंद होने से डूब क्षेत्र में पानी का भंडारण हुआ और कल्यानपुरा ग्राम व खिरियाछतारा के वह खेत भी डूब गए जिनको सिंचाई विभाग ने अधिग्रहीत ही नहीं किया था. कल्यानपुरा ग्राम पंचायत में रहने वाले कांशीराम माली, विजन, सरजू, आशाराम, मथुरा प्रसाद, हरिराम, शंकर, श्रीराम, दयाराम, सुनील कुमार, तिलकराम, बद्री प्रसाद, राजू विश्वकर्मा, हरकिशन, राजघर, पूरन, छन्नू, नन्दू, पार सिंह परिहार, छलौनी कुशवाहा, हरिश्चंद्र कुशवाहा, रामदास, खलक सिंह,सहित कई ग्रामीणों की एक से लेकर दो एकड़ जमीन में कई फुट पानी भर गया है. इस भूमि में बोई गई फसल भी बर्बाद हो चुकी है. इसी तरह खिरियाछतारा ग्राम पंचायत निवासी कृष्ण प्रताप सिंह, दलकू, रमू, हरदास बुनकर, दुर्जन सहित दो दर्जन ग्रामीणों की जमीन बांध के पानी में डूब गयी. वह बड़े अंदोलन की तैयारी में जुटे हैं.
बोर आदि परिसंपत्तियां बर्बाद बिना मुआवजा बानयी नदी के किनारे खेतों में पानी भरने के कारण दूर तक नमी फैल गयी है. खेत की मिट्टी दलदल में तब्दील हो चुकी है. जिस पर चलना मुश्किल हो गया है. सिफी यही नहीं, इस जलभराव से खेतों में सिंचाई के बोर आदि परिसंपत्तियां बर्बाद हो गयी हैं. इस बर्बादी को देखकर किसान बहुत परेशान हैं.
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