JHANSI : बुधवार WEDNESDAY को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। इसके साथ ही चातुर्मास भी शुरू हो जाएंगे। विवाह आदि थम जाएंगे, जो फिर देवोत्थान एकादशी से शुरू होंगे। बुधवार को मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रम होंगे।
सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी एवं चातुर्मास की अवधि का विशेष महत्व है। महंत मार्तंड स्वामी के अनुसार देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु क्षीरसागर में आराम करने चले जाते हैं। ऐसे में विवाह कार्य चातुर्मास की अवधि में नहीं होते। चातुर्मास में संत महात्मा MAHATMA एक ही स्थान पर रहकर धर्म साधना करते हैं। देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी जी(GOD AND GODDESS ) की आराधना करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। गुरु पूर्णिमा पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा।
श्रद्धालुओं ने किया सुंदरकांड का पाठ
मंगलवार को सैंयर पहाड़ स्थित बलखंडेश्वर सिद्धपीठ बूढे़ महादेव धाम MAHADEV DHAAM के प्रांगण में स्थित श्री पाताली सिद्धपीठ हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड का पाठ किया। गुप्त नवरात्र पर मां दुर्गा की आराधना की व अनुष्ठान किया। आरती के पश्चात विश्व कल्याण की प्रार्थना की गई। प्रसाद वितरण हुआ। इस दौरान महंत आनंद गिरि महाराज, अंजनी गिरि महाराज, श्रीराम गिरि महाराज, जगदेव गिरि महाराज आदि मौजूद रहे।