Jhansi: विद्यालय में छात्राओं की पिटाई करने वाली वार्डन की संविदा समाप्त
जांच रिपोर्ट में वार्डन को दोषी पाया गया
झाँसी: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं की पिटाई करने की आरोपी वार्डन अर्चना पाण्डेय की संविदा समाप्त कर दी गई. तीन दिन पहले वार्डन द्वारा छात्राओं की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीएसए ने संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया था. जांच रिपोर्ट में वार्डन को दोषी पाया गया है.
छात्राओं ने रोस्टर के अनुसार भोजन न मिलने, जरूरत की वस्तुओं को देने से मना करने, अपशब्दों का प्रयोग करने, कैमरा बंद करके शौचालय सहित पूरे स्कूल की सफाई कराने की शिकायत की थी. जिसके बाद वार्डेन ने उन्हें डंडे से पीटा था. को इस घटना की जानकारी मिलने के बाद बीएसए ने वार्डन से छह बिंदुओं पर जवाब मांगा था. आरोपी वार्डन ने बीएसए के समक्ष आकर स्पष्टीकरण दिया. स्पष्टीकरण के आधार पर दोष सिद्ध होने पर बीएसए ने वार्डन की संविदा समाप्त कर दी और उसे विद्यालय से बाहर कर दिया.
हालांकि, वीडियो को सत्य मानते हुए भी बीएसए की कार्रवाई में तीन दिन की देरी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
प्रशासनिक तंत्र में संवेदनशीलता की कमी पर उठे सवाल इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि शिक्षा संस्थानों में बच्चियों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग कितना लापरवाह है. वार्डन की पिटाई के बावजूद तीन दिनों तक उन्हें वहीं बने रहने दिया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक तंत्र में संवेदनशीलता की कमी है.
लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. लोगों का कहना है कि यह घटना न केवल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस प्रकार से बच्चों के अधिकारों की अनदेखी की जाती है. प्रशासन को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से ऐसी घटनाओं पर संज्ञान ले और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों.