लखनऊ। भारत की आजादी की लड़ाई के समय से लेकर आज तक सभी देशभक्तों के ह्रदय में उत्साह का संचार करने वाला जय हिन्द का नारा जिन सुभाष चन्द्र बोस ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय दिया था। उन्हीं सुभाष बाबू से लखनऊ के झंडे वाले पार्क का सीधा और ऐतिहासिक सम्बंध है। 1939 में भारत छोड़कर विदेश में आजाद हिन्द फौज बनाने और अंग्रेजों के लिए एक बुरा सपना जैसे बन जाने वाले सुभाष चन्द्र बोस ने अपना अंतिम ऐतिहासिक भाषण इसी झंडे वाला पार्क में दिया गया था। जिसे आज भी इतिहास के पन्नों में संजोकर रखा गया है।
भारत के स्वाधीनता संग्राम में लाखों क्रांतिकारियों और वतन पर जान लुटाने वालों का सबसे प्रिय और सबसे महत्वपूर्ण स्थल रहा लखनऊ का ऐतिहासिक झंडेवाला पार्क दिनभर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भक्तों की राह देखता रहा लेकिन देर शाम तक कोई सुभाष भक्त इस ऐतिहासिक स्थल पर सुभाष बाबू के उन भाषणों को याद करने नहीं पहुंचा जो उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए दिये थे। बॉक्स-हटा दिया गया तिरंगाअभी हाल ही के स्वतंत्रता दिवस के दौरान पूरे देश को तिरंगे झंडे की सौगात देने वाले इस स्थल पर जो विशालकाय तिरंगा आसमान की बुलंदियों पर फहराता नजर आया था उसे पता नहीं किन कारणों से हटा दिया गया है। अलबत्ता उस पूरे पार्क में अव्यवस्था,गंदगी और नशेड़ियों की भरमार वैसी ही है,जैसी स्वतंत्रता दिवस के आयोजन से पहले नजर आती थी। एक नागरिक के अनुसार जब संयुक्ता भाटिया क े महापौर पद का कार्यकाल ही खत्म हो गया है तो उनके हिस्से की यह ऐतिहासिक उपलब्धि भी उनके खाते में क्यों नजर आनी चाहिए।